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चीनी उत्पादन पर अलग-अलग दावे
Date: 01 Feb 2020
Source: Business Standard
Reporter: Virendra Singh Rawat
News ID: 43018
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चीनी उद्योग के एक घरेलू कारोबारी संगठन ने मौजूदा पेराई सत्र 2019-20 में देश का चीनी उत्पादन 2.74 करोड़ टन आंका है जो मिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुमान से 14 लाख टन अधिक है। इस्मा ने 2.6 करोड़ टन चीनी उत्पादन की संभावना जताई थी। अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) के अनुसार मौजूदा सत्र में चीनी उत्पादन पिछले साल के 3.32 करोड़ टन की तुलना में करीब 17.5 प्रतिशत गिरकर 2.74 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
 
नवंबर 2019 में इस्मा ने अपने शुुरुआती पूर्वानुमान में चीनी उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की तेज गिरावट का अनुमान जताया था। फरवरी में वर्ष 2019-20 के लिए चीनी उत्पादन का इसका दूसरा अग्रिम अनुमान आने की संभावना है। एआईएसटीए ने उत्पादन में इस कमी के लिए मुख्य रूप से पिछले साल महाराष्ट्र के मराठावाड़ा क्षेत्र में सूखे और पश्चिमी क्षेत्र में अत्यधिक बारिश की वजह से राज्य के उत्पादन में भारी गिरावट का हवाला दिया है। मौजूदा गन्ना पेराई सत्र के दौरान राज्य का चीनी उत्पादन वर्ष 2018-19 में 1.07 करोड़ टन उत्पादन की तुलना में 39 प्रतिशत गिरकर 65 लाख टन रहने का अनुमान है।
 
अब तक उत्पादित चीनी, चीनी उत्पादन के संभावित रुख, चीनी प्राप्ति की दर, पेराई के लिए गन्ने की उपलब्धता और बी-भारी शीरे से एथनॉल उत्पादन पर विचार करने के बाद ये अनुमान लगाए गए थे। बी-भारी शीरे से उत्पादित एथनॉल के कारण लगभग 10 लाख टन चीनी को समायोजित किया जाएगा। इस साल चीनी उत्पादन में आई कमी में इसका भी योगदान रहा है। इसके अलावा कर्नाटक में पिछले साल के 44 लाख टन उत्पादन की तुलना में इस सत्र में उत्पादन करीब 23 प्रतिशत गिरकर 34 लाख टन रहने वाला है। हालांकि देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन 1.18 करोड़ टन से बढ़कर 1.2 करोड़ रहने की उम्मीद है। एआईएसटीए ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी प्रमुख चीनी कंपनियों ने अपनी एथनॉल क्षमता में इजाफा किया है या इजाफा करने की प्रक्रिया में है।
 
इस बीच एआईएसटीए ने संभावना जताई है कि घरेलू बाजार में कच्ची चीनी की कम उपलब्धता के परिदृश्य में चीनी निर्यात 45 लाख टन रहेगा। इससे पहले इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि इस सत्र में चीनी निर्यात 50 लाख टन तक जाने की संभावना है। अब तक मिलें अपनी अधिकतम स्वीकृत निर्यात मात्रा (एमएईक्यू) के मुकाबले 25 लाख टन निर्यात अनुबंध कर चुकी हैं। देश के प्रमुख निर्यात गंतव्य ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी देश आदि हैं।
 
  

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