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एथनॉल के लिए दूसरी निविदा जारी
Date: 21 Jan 2020
Source: Business Standard
Reporter: दिलीप कुमार झा
News ID: 42983
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भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की अगुआई में तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने पेट्रोल में मिलाने के लिए 2.53 अरब लीटर घरेलू एथनॉल आपूर्ति के लिए दूसरी निविदा जारी की है। पहली निविदा में चीनी मिलों द्वारा अपेक्षित एथनॉल की एक-तिहाई से भी कम मात्रा का आश्वासन दिए जाने के बाद यह दूसरी निविदा जारी की गई है। इस निविदा में 1 फरवरी से 30 नवंबर, 2020 के बीच एथनॉल की आपूर्ति की जानी है। इस निविदा में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसीएल) की 1.07 अरब लीटर की मांग भी शामिल है। बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से गन्ने के रस, चीनी या चाशनी, बी-भारी या सी-भारी शीरे अथवा क्षतिग्रस्त खाद्यान्नों से निर्मित क्रमश: 67.2 करोड़ लीटर और 78.7 करोड़ लीटर एथनॉल की मांग की है।
 
हालांकि विशेषज्ञों को इस सत्र की पहली एथनॉल निविदा के लिए मिलीबेहद खराब प्रतिक्रिया के बाद दूसरी निविदा की सफलता पर संदेह है। तेल विपणन कंपनियों ने अपनी पहली निविदा में 5.11 अरब लीटर एथनॉल की मांग की थी जिसमें से चीनी मिलों ने गन्ने की कम आपूर्ति के बाद इस साल अपने उत्पादन में गिरावट के अनुमान की वजह से केवल 1.56 अरब लीटर के लिए ही अनुबंध किए थे। चीनी मिलों से कम आपूर्ति के कारण एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम प्रभावित हुआ था। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि अगर चीनी मिलें पिछले साल तेल विपणन कंपनियों को की गई एथनॉल आपूर्ति की मात्रा के स्तर तक पहुंच पाती हैं, तो हमें खुशी होगी।
 
तेल विपणन कंपनियों ने सितंबर 2019 में चीनी मिलों से एथनॉल के लिए अपनी पहली निविदा जारी की थी। चीनी मिलों द्वारा कम मात्रा की पेशकश किए जाने के कारण तेल विपणन कंपनियों ने 1.56 अरब लीटर एथनॉल को अंतिम रूप दिया था। इसमें बी-भारी शीरे से 61.63 करोड़ लीटर और गन्ने के रस से 10.6 करोड़ लीटर एथनॉल शामिल था। तेल विपणन कंपनियां पर्यावरण अनुकल ईंधन के रूप में सीधे पेट्रोल में मिलाने के लिए एथनॉल की खरीद करती हैं। इससे कच्चे तेल के आयात में इसी अनुपात में कमी आती है और चीनी मिलों को इस उप-उत्पाद से ज्यादा कमाई करने का प्रोत्साहन भी मिलता है। इस साल मॉनसून की बाढ़ में गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा था जिससे गन्ने की उपलब्धता कम हो गई। 
 
इस्मा द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़े बताते हैं कि तेल विपणन कंपनियों ने पिछले पेराई सत्र (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) में 3.32 अरब लीटर एथनॉल के लिए निविदा जारी की थी। इसमें से तेल विपणन कंपनियों ने 2.39 अरब लीटर एथनॉल आपूर्ति को अंतिम रूप दिया था और उन्होंने 2.45 अरब लीटर के लिए अनुबंध किया था। तेल विपणन कंपनियों ने पिछले पेराई सत्र के दौरान केवल 1.87 अरब लीटर एथनॉल ही उठाया था। हालांकि मौजूदा सत्र के लिए एथनॉल की जरूरी मात्रा बढ़ गई है क्योंकि तेल विपणन कंपनियां पांच प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने की उम्मीद कर रही हैं।
 

वर्मा ने कहा कि कई चीनी मिलों ने अपनी स्वतंत्र डिस्टिलरी स्थापित कर ली हैं और भविष्य में आपूर्ति में इजाफा करने के लिए मौजूदा डिस्टिलरी की क्षमता में विस्तार कर दिया है। द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक विजय बांका ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 100 केएलपीडी (हजार लीटर प्रति दिन) वाले नए डिस्टिलरी संयंत्र की शुरुआत की है।  गन्ने की कम उपलब्धता से भी चीनी उत्पादन पर असर पड़ रहा है। इस्मा ने 1 अक्टूबर, 2019 से 15 जनवरी, 2020 की अवधि के दौरान देश का चीनी उत्पादन 26 प्रतिशत गिरकर 1.086 करोड़ टन रहने की सूचना दी है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में उत्पादन 1.474 करोड़ टन था।              

 
  

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