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चीनी के लिए दोहरी मूल्य निति का सुझाव
Date: 16 Jan 2020
Source: Business Standard
Reporter: Dilip Kumar Jha
News ID: 42972
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कृषि जिंसों पर सरकार को सुझाव देने वाली एजेंसी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने केंद्र सरकार को देश में चीनी की बिक्री के लिए दोहरी मूल्य नीति तैयार करने का सुझाव दिया है। आयोग का मानना है कि इससे किसानों को फायदा होगा। 

सीएसीपी के चेयरमैन विजय पॉल शर्मा ने कहा, 'आम उपभोक्ताओं के लिए वाजिब दाम के साथ ही औद्योगिक ग्राहकों के लिए उत्पादन लागत तथा उपलब्धता के आधार पर उच्च कीमत के लिए दोहरी मूल्य नीति बनाने पर विचार करने का यह उचित समय है।' देश में चीनी के कम उत्पादन के अनुमान और निर्यात की संभावनाओं में सुधार से थोक बाजार में चीनी के दाम 1 से 2 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं। उत्तर प्रदेश में चीनी एम के मिल गेट दाम 33 से 34.50 रुपये किलो और महाराष्टï्र में चीनी एस के दाम 32 रुपये किलो हो गए हैं। सरकार ने देश भर में चीनी न्यूनतम बिक्री मूल्य 31 रुपये किलो तय किया है।

उद्योग के सूत्रों के अनुसार देश में कुल चीनी खपत का करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी कंपनियों या बल्क में खरीद करने वाले ग्राहकों की है। इनमें शीतल पेय और मिठाई बनाने वाले भी शामिल हैं। इन ग्राहकों द्वारा सालाना 6 करोड़ टन चीनी की खपत होने का अनुमान है। आम ग्राहकों की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। दिलचस्प है कि औद्योगिक खपत में लगातार तेजी आ रही है लेकिन घरेलू ग्राहकों की ओर से खपत में कमी आ रही है।

उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा, 'कंपनियों के लिए अधिक कीमत होने से चीनी मिलों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे वह गन्ने का बकाया तेजी से निपटाने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही किसानों को गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और इससे उनकी आय भी बढ़ेगी। किसानों के फायदे के लिए सभी तरह की पहल का हम समर्थन करते हैं।' 

इस बीच रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान लगाया है कि चीनी के दाम औसतन 2 रुपये किलो बढऩे से चीनी मिलों के मुनाफे में निकट अवधि में सुधार आ सकता है। दिसंबर अंत में चीनी के दाम नौ माह के उच्च स्तर पर थे। दूसरी ओर गन्ने की कीमत स्थिर बनी हुई है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। इससे एसएपी और केंद्र द्वारा घोषित उचित एवं लाभकारी मूल्य के बीच अंतर काफी कम हो गया है। 

इक्र्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और ग्रुप हेड सब्यसाची मजूमदार ने कहा, 'चीनी के दाम बढऩे और गन्ने की कीमत स्थिर रहने से चीनी मिलों के मुनाफे में निकट भविष्य में सुधार होगा।'              

 

 
  

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