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चीनी मिलों को इथेनॉल के उत्पादन के लिए पर्यावरण मंजूरी नहीं
Date: 06 Nov 2019
Source: Dainik Jagran
Reporter: PTI
News ID: 42774
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नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि मिलों को गन्ने के शीरे से अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह प्रदूषणकारी नहीं है। उसने कहा कि एक कदम से किसानों और नकदी-संकट से जूझ रहे चीनी मिलों को फायदा हो सकता है। किसान को चीनी मिलों से, गन्ना बकाए का भुगतान न किये जाने के कारण गंभीर शिकायत रही है। 

चीनी मिल मालिकों का कहना है कि चीनी के अत्यधिक उत्पादन और कीमत में गिरावट के कारण, उन्हें भी अपना बकाया नहीं मिल पा रहा है। जून 2019 तक, देश भर के किसानों का चीनी मिलों पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये का बकाया है। अतिरिक्त इथेनॉल के उत्पादन को आसान करने से किसानों के बकाए की समस्य कम करने में मदद मिल सकती है। 

केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट किया, 'किसानों और चीनी उद्योग के फायदे के लिए एक और बड़े फैसले के तहत, केंद्र सरकार ने घोषित किया है कि 'बी' ग्रेड के भारी शीरे से अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए कोई अलग से पर्यावरणीय मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इससे प्रदूषण नहीं बढ़ता है।' वर्ष 2006 की ईआईए अधिसूचना- सभी नई परियोजनाओं, उनके विस्तार और आधुनिकीकरण के साथ-साथ उत्पाद मिश्रण में बदलाव करने के लिए, मंजूरी लेने को अनिवार्य बनाता है। 

 
  

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