Welcome Guest!
|
Members Log In
Close Panel
Home
About us
Ethanol
Cogeneration
Environmental
Statistics
Distillery
Sugar Price
Sugar Process
Contact us
News
बाढ़-चुनाव से गन्ना पेराई में देरी
Date:
31 Oct 2019
Source:
Business Standard
Reporter:
Virendra Singh Rawat
News ID:
42757
Pdf:
Nlink:
बाढ़ और चुनावों ने देश में गन्ना पेराई में दो सप्ताह से भी अधिक समय की देरी कर दी है। खेतों में अब भी पानी भरा होने की वजह से महाराष्ट्र में इससे भी अधिक की देरी हो सकती है। हालांकि संयुक्त रूप से देश के गन्ना उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान करने वाले उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में मिलों ने 15 अक्टूबर के बाद अलग-अलग तारीखों को परिचालन शुरू कर दिया था, लेकिन सितंबर में अप्रत्याशित भारी बारिश के कारण गन्ना पट्टी में बड़े पैमाने पर बाढ़ और फसल को नुकसान पहुंचा।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के आखिर में वर्ष 2016, 2017 और 2018 में क्रमश: 36, 75 और 124 मिलों ने देश भर में परिचालन शुरू कर दिया था। महाराष्ट्र में चुनाव की वजह से पेराई में और ज्यादा देरी हुई जहां सहकारी क्षेत्र की मिलें हावी हैं। आमतौर पर राज्य के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति द्वारा पेराई के संबंध में फैसला किया जाता है। सामान्य रूप से इस संबंध में बैठक सितंबर में होती है। राष्ट्रीय सहकारी चीनी फैक्टरी महासंघ (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नायकनवरे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल राज्य में चुनावों के कारण यह बैठक नहीं हुई और इसलिए पेराई कार्य की शुरुआत के लिए निश्चित तारीख निर्धारित नहीं की जा सकी है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में कोई फैसला किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पेराई का यह फैसला पड़ोसी राज्य कर्नाटक में पेराई, बाढ़ और फसल क्षति जैसी बातों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा क्योंकि मिलों को शुरू करने में किसी भी तरह की देरी से फसल का रुख कर्नाटक की मिलों की ओर हो सकता है जिससे महाराष्ट्र की मिलों के लिए फसल की उपलब्धता और कम हो जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र में पेराई 15 नवंबर से पहले शुरू होने की संभावना नहीं है क्योंकि पानी अब तक गन्ना उत्पादन करने वाले क्षेत्रों से नहीं उतरा है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि ऐसी भी मांग की जा रही है कि राज्य में आदर्श रूप से 1 दिसंबर से पेराई शुरू होनी चाहिए।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के महासचिव अविनाश वर्मा ने कहा कि बाढ़ के साथ-साथ महाराष्ट्र में इस सीजन में गन्ने का कम उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे पिछले अनुभव से पता चलता है कि कम उत्पादकता वाले सत्र में अधिक परिपक्व फसल की कटाई के कारण पेराई सत्रमें कुछ देरी हो जाती है। इस बीच देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में पेराई 10 नवंबर के बाद ही शुरू होने की संभावना है। हालांकि योगी आदित्यनाथ सरकार दीवाली के बाद पेराई शुरू करने की उम्मीद कर रही थी।
उन्होंने बताया कि दीवाली की वजह से श्रमिकों के एक सप्ताह में लौटने के आसार हैं। तब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 नवंबर के आस-पास मिलों के बॉयलर शुरू किए जाएंगे। इसके बाद के दिनों में मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मिलें 15 नवंबर के बाद परिचालन शुरू कर देंगी।
Navigation
TV Interviews
Application Form For Associate Membership
Terms & Conditions (Associate Member)
ISMA President
Org. Structure
Associate Members(Regional Association)
Who Could be Member?
ISMA Committee
Past Presidents
New Developments
Publications
Acts & Orders
Landmark Cases
Forthcoming Events