जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पेट्रोल में एथनाल मिलाने की केंद्र सरकार की योजना को कई राज्यों में गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसके मद्देनजर केंद्र ने राज्यों को खत लिखकर पेट्रोल में एथनाल मिलाने की योजना को तेज करने और जरूरी कानूनी प्रावधान करने का निर्देश दिया है। केंद्र के ताजा रुख को देखते हुए उत्तराखंड राज्य में एथनाल पर लगाये गये सभी प्रतिबंध उठा लिये गये हैं। इसकी आवाजाही पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्यों में एथनाल की आवाजाही पर शुल्क देना पड़ता है। इससे इन राज्यों में पेट्रोल में एथनाल मिश्रण की सरकार की मंशा को झटका लगा है।
चीनी उद्योग को मिलेगी वित्तीय राहत
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने हाल ही में एक पत्र उत्तर प्रदेश सरकार को भी भेजा है, जिसमें राज्य की शीरा व एथनाल नीति पर असंतोष जताया गया है। राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में संशोधित इंडस्टि्रयल डवलपमेंट एंड रेगुलेशन (IDR) एक्ट के तहतपेट्रोल में मिलाये जाने वाले एथनाल की आवाजाही को प्रतिबंध मुक्त बनाने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि इसके लिए राज्य सरकार को कई मर्तबा कहा जा चुका है। इस प्रावधान को लागू करने पर जहां राज्य समेत पूरे देश में वायु प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिलेगी, वहीं घाटे से परेशान चीनी उद्योग को वित्तीय राहत मिलेगी।
ग्रीन फ्यूल पर दो रूपये प्रति लीटर का लगाया शुल्क
राजधानी दिल्ली में एक ओर वायु प्रदूषण रोकने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन एथनाल जैसे ग्रीन फ्यूल पर दो रूपये प्रति लीटर का शुल्क लगाया गया है। इसके पहले पंजाब और हरियाणा में भी तीन रुपये प्रति लीटर का शुल्क था, जिसे दोनों राज्यों ने केंद्र के आग्रह पर तत्काल हटा लिया है। देश के भीतर ही पेट्रोल में मिलाये जाने वाले एथनाल की आवाजाही पर कई तरह की रोक टोक राज्यवार अलग-अलग है। इसके लिए आईडीआर एक्ट में केंद्र सरकार ने पहले ही संशोधन कर राज्यों को लागू करने को कह दिया है। देश के ज्यादातर गन्ना उत्पादक राज्यों में इस कानून का क्रियान्वयन हो गया है, जिससे वहां पर पेट्रोल में मिश्रित किये जाने वाले डिनेचर्ड एथनाल के उत्पादन, भंडारण और आवागमन को पूर्ण प्रतिबंध मुक्त कर दिया गया है।
महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में आईडीआर एक्ट किया गया लागू
उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में राज्य में कानून पर अमल न होने को लेकर चिंता जताई गई है। साथ ही आग्रह किया गया है कि इस संशोधित कानून को जितना जल्दी हो सके पूरे राज्य में लागू कर दिया जाए। महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में संशोधित आईडीआर एक्ट लागू कर दिया गया है। लेकिन सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश इसमें हीलाहवाली कर रहा है, जिससे एथनाल उत्पादन को बढ़ाने में मुश्किलें पेश आ रही हैं।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल अविनाश वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के भीतर एथनाल की आवाजाही 15 पैसे प्रति लीटर का शुल्क देना पड़ता है। जबकि दूसरे राज्यों में एथनाल भेजने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। वर्मा के मुताबिक पेट्रोल में मिलाये जाने वाले डिनेचर्ड एथनाल पर राज्यों का कोई कानून लागू नहीं होना चाहिए।'
पिछले कई सालों से गंभीर संकट में है चीनी उद्योग
गन्ना उत्पादन अधिक होने, चीनी उत्पादन में लगातार वृद्धि होने और घरेलू बाजार में कीमतें घटने से चीनी उद्योग पिछले कई सालों से गंभीर संकट में है। लागत से कम मूल्य पर चीनी बिकने से मिलें घाटे में हैं। उन्हें उबारने के लिए चीनी उत्पादन की जगह ज्यादा से ज्यादा एथनाल करने की नीति अपनाई गई है, जो पेट्रोल में मिलाने के काम आता है। इससे जहां मिलों को घाटे से उबारने में मदद मिली है, वहीं व पेट्रोल आयात में कमी आनी तय है।