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सरकार ने एथनॉल के दाम बढ़ाए
Date: 04 Sep 2019
Source: Business Standard
Reporter: बी एस संवाददाता / भाषा
News ID: 42612
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अतिरिक्त चीनी को खपाने के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2019-20 सीजन के लिए सभी स्रोतों से उत्पादित एथनॉल की खरीद कीमत बढ़ा दी है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब सरकार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एथनॉल मिश्रण के जरिये कच्चे तेल आयात बिल की बचत में कम से कम 28 प्रतिशत की वृद्घि की उम्मीद जता रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए तेल आयात बिल में बचत 7,000 करोड़ रुपये पर रहने का अनुमान जताया गया है जो 2018-19 में 5,456 करोड़ रुपये और 2017-18 में 5,070 करोड़ रुपये थी।
 
तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन द्वारा एथनॉल खरीद सीजन 1 दिसंबर 2019 से शुरू होगा और यह 30 नवंबर 2020 तक चलेगा। नए नियमों के अनुसार, सी श्रेणी के शीरे से प्राप्त एथनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये और बी बी श्रेणी के शीरे के लिए यह 52.43 रुपये से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर की गई है। इसके अलावा, गन्ने के रस, चीनी से तैयार एथनॉल की कीमत 59.19 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 59.48 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की गई है। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल में मिश्रण के लिए चीनी मिलों से एथनॉल बढ़ी हुई दरों पर खरीदेंगी। यह दरें एक दिसंबर से शुरू हो रहे एथनॉल वर्ष से लागू होंगी। सरकार ने कहा है कि एथनॉल के बढ़े हुए दाम आने वाले चीनी सत्र 2019-20 के लिए होंगे और यह दाम एक दिसंबर 2019 से 30 नवंबर 2020 तक लागू रहेंगे। एथनॉल शीरे का उप-उत्पाद है। यह गन्ने की पेराई से बनता है। ऊंची कीमत से चीनी मिल चीनी के अलावा एथनॉल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगी। गन्ने से एथनॉल का उत्पादन तीन तरीकों से किया जाता है। सीधे गन्ने के रस से, बी और सी स्तर के सीरे से। प्रधान ने कहा कि एथनॉल की खरीद दिसंबर-नवंबर 2019-20 में बढ़ कर 260 करोड़ लीटर रहने का अनुमान है। पिछले वर्ष यह मात्रा 200 करोड़ लीटर थी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण बढऩे से सालाना 20 लाख टन तेल की बचत होगी। इससे आयात बिल में एक अरब डॉलर की बचत में मदद मिल सकती है। 
 
प्रधान ने कहा कि पेट्रोल में एथनाल का मिश्रण अगले साल 7 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। अभी यह 6 प्रतिशत है। 2021-22 तक इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाएगा। इससे पहले एथनॉल के दाम में पिछले साल सितंबर में संशोधन किया था। उस समय मंत्रिमंडल ने गन्ने के रस से बने एथनॉल के दाम में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर 59.13 रुपये लीटर किया गया था। अब इसे बढ़ाकर 59.48 रुपये लीटर किया गया है। चीनी उद्योग ने इस कदम का स्वागत किया है क्योंकि इससे उनके निवेश को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने एक बयान में कहा कि सरकार का एथनॉल के दाम में वृद्धि का निर्णय अतिरिक्त गन्ने के चीनी को एथेनॉल बनाने में उपयोग को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत या आंशिक गन्ना रस के से बने एथनॉल के उच्च दाम की पेशकश इस दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण कदम है। इससे पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण का अनुपात मौजूदा 6 प्रतिशत की तुलना में और बढ़ेगा। ये सभी प्रयास देश में अतिरिक्त चीनी को खपाने और चीनी मिलों की नकदी स्थिति में सुधार लाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। 
 
  

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