इस साल चीनी का उत्पादन जिस रफ्तार से हो रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि इस साल देश में चीनी का उत्पादन 270 लाख टन तक पहुंच सकता है। देश में चीनी मिलों के समूह इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानि इस्मा के मुताबिक अक्टूबर से शुरू हुए चीनी सीजन 2014-15 में 15 अप्रैल तक 263.56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जो पिछले साल के मुकाबले करीब 14 फीसदी ज़्यादा है। चीनी वर्ष 2013-14 के में इस दौरान 231.50 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
आधे से ज़्यादा मिलों में अब भी पेराई चालू
इस साल उत्पादन 263 लाख टन को पार कर चुका है और अब भी आधे से ज़्यादा चीनी मिलों में गन्ने की पेराई हो रही है। इस्मा के मुताबिक इस साल देशभर में कुल 530 चीनी मिलों में पैराई शुरू हुई थी जिसमें से 240 मिलों में पेराई का काम बंद हो चुका है जबकि 290 मिलों में अब भी चीनी की पैराई हो रही है। जिन मिलों में पेराई का काम चल रहा है उनमें 100 मिलें सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, 50 मिलें दूसरे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, 44 मिलें कर्नाटक और 36 मिलें तमिलनाडु की हैं।
महाराष्ट्र में उत्पादन 100 लाख टन के करीब
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 15 अप्रैल तक 99.61 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था जो पिछले साल के मुकाबले करीब 34 फीसदी ज़्यादा है, पिछले साल महाराष्ट्र में इस दौरान सिर्फ 74.43 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश में दूसरे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल उत्पादन करीब 8.5 फीसदी बढ़कर 67.85 लाख टन तक पहुंच गया है जो पिछले साल इस दौरान 62.55 लाख टन था।
मिलों पर गन्ना किसानों का 19,300 करोड़ रुपये का बकाया
चीनी की कीमतों में आई गिरावट की वजह से इस साल चीनी मिलों को भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा है जिस वजह से मिलें गन्ना किसानों का भुगतान करने में असमर्थ नजर आ रही हैं। इस्मा के मुताबिक देशभर की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का करीब 19,300 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है।