इस बीच इक्रा रेटिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि इसके अलावा बफर स्टॉक बनाने से घरेलू बाजार में मांग-आपूर्ति की स्थिति में कुछ सुधार होगा जिसके परिणामस्वरूप चीनी की कीमतों को समर्थन मिलेगा। हालांकि कीमतों में कितना इजाफा होगा, फिलहाल इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। इन कारकों के परिणामस्वरूप चीनी मिलों की तरलता में सुधार हो सकता है जिससे किसानों के गन्ना भुगतान में मदद मिल सकती है। चीनी वर्ष 2020 के दौरान घरेलू चीनी उत्पादन सालाना आधार पर 14 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ लगभग 2.82 करोड़ रहने की संभावना है, जबकि 2019 में यह 3.29 करोड़ रहा। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में कम उत्पादन के कारण ऐसा हो सकता है। चीनी वर्ष 2020 में चीनी की खपत 2.65 तक बढऩे की उम्मीद है।