जागरण संवाददाता, मोदीनगर : किसानों के बकाया गन्ना मूल्य की वसूली के लिए प्रशासन ने सोमवार को मोदी डिस्टिलरी को सील कर दिया। इसके विरोध में मोदी चीनी मिल के श्रमिकों ने कामकाज ठप कर दिया। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि मिल में काम सुचारु नहीं हुआ तो फैक्ट्री के प्रबंध निदेशक उमेश कुमार मोदी समेत प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर हाल में किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करवाना है। मोदी चीनी मिल पर पेराई सत्र 2013-14 के 48 करोड़ रुपये मिलाकर करीब 170 करोड़ रुपये बकाया है।
बता दें कि मोदी चीनी मिल से किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए प्रशासन के प्रयासों के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकल सका है। उच्च न्यायालय के कड़े रुख को देखते हुए सोमवार को एसडीएम यशु रुस्तगी के नेतृत्व में जिला गन्ना अधिकारी नमिता कश्यप, तहसीलदार कमलेश कुमार सिंह, नायब तहसीलदार पुष्करनाथ चौधरी समेत तहसील का स्टाफ एवं पुलिस बल मोदी डिस्टिलरी पहुंचे। इन लोगों ने सभी श्रमिकों को बाहर निकलने का आदेश देकर सील लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस पर श्रमिक नेता रामबीर, अरुण तोमर, अजय आदि के नेतृत्व में श्रमिकों ने सील लगाने का विरोध किया। श्रमिकों का कहना था कि प्रशासन को जो कार्रवाई करनी है, वह मोदी चीनी मिल के खिलाफ करे। लेकिन प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी और फैक्ट्री में सील लगा दी। इसके बाद मोदी चीनी मिल के श्रमिकों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी। श्रमिकों ने एसडीएम यशु रुस्तगी एवं जिला गन्ना अधिकारी नमिता कश्यप का घेराव भी शुरू कर दिया लेकिन दोनों अधिकारी वहां से किसी तरह निकल गई। इसके बाद श्रमिकों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। श्रमिक नेता अनिल त्यागी व सुशील शर्मा का कहना था कि प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। इधर, प्रशासनिक कार्रवाई शुरू होते ही मोदी चीनी मिल के प्रबंधन से जुड़े आला अधिकारी गायब हो गए।
हंगामे को देखते हुए मिल परिसर में सीओ जगत राम जोशी एवं थाना प्रभारी दीपक शर्मा के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अचानक कार्रवाई से प्रबंधन हतप्रभ
सोमवार को अचानक सील करने की कार्रवाई शुरू होने से मोदी चीनी मिल एवं डिस्टिलरी का प्रबंधन भौचक रह गया। मोदी चीनी मिल के जनसंपर्क अधिकारी कपिल आनंद ने एसडीएम से मोहलत मांगी लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया।
- श्रमिकों ने सौंपा ज्ञापन
कर्मचारी संघ मोदी डिस्टिलरी के अध्यक्ष अरुण तोमर के नेतृत्व में श्रमिकों ने तहसीलदार कमलेश कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर सील करने की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा इस कार्रवाई से पांच सौ परिवारों के श्रमिकों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। वहीं श्रमिकों के काम बंद कर देने के कारण मोदी चीनी मिल में गन्ने की तौल भी बंद कर दी गई। इससे मिल में गन्ने से भरी बुग्गियों, ट्रैक्टरों एवं ट्रकों की कतार लग गई। इससे किसानों में मिल प्रबंधन के खिलाफ रोष है।
मोदी चीनी मिल से बकाया गन्ना मूल्य की वसूली के लिए मोदी डिस्टिलरी को सील करना गलत है। दोनों फैक्ट्री अलग-अलग हैं। सील लगाने एवं डिस्टिलरी के श्रमिकों के समर्थन में ही मोदी चीनी मिल के श्रमिकों ने भी काम बंद कर दिया है।
कपिल आनंद, जनसंपर्क अधिकारी मोदी चीनी मिल
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बकाया वसूली के लिए अब तक काफी प्रयास किए गए। लेकिन प्रयास सफल न होने पर मोदी डिस्टिलरी पर सील लगाने की कार्रवाई की गई। प्रशासन ने यह कार्रवाई पिछले वर्ष जारी रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) के आधार पर की है।
नमिता कश्यप, जिला गन्ना अधिकारी
मोदी चीनी मिल प्रबंधन से कई दिनों से गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान को लेकर वार्ता चल रही थी। लेकिन प्रबंधन कोई आश्वासन नहीं दे पा रहा था। करीब चार हजार से ज्यादा किसान गन्ना मूल्य न मिलने के कारण परेशान हैं। इसी कारण यह कार्रवाई की गई। मोदी चीनी मिल के श्रमिकों की हड़ताल खुलवाने का प्रयास चल रहा है।
यशु रुस्तगी, एसडीएम मोदीनगर
जिस प्रकार मोदी चीनी मिल में काम बंद किया गया है, वह गलत है। यदि प्रबंधन ने भुगतान नहीं किया तो मोदी डिस्टिलरी को नीलाम करवाकर किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान करवाया जाएगा। इसके साथ ही उमेश मोदी समूह के प्रबंध निदेशक उमेश कुमार मोदी समेत प्रबंधन से जुड़े लोगों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।
विमल कुमार शर्मा, जिलाधिकारी गाजियाबाद