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मानसून में देरी से फीकी पड़ेगी चीनी
Date: 10 Jul 2019
Source: Business Standard
Reporter: Reuters
News ID: 40429
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भारत के चीनी उत्पादन में 2019-20 के दौरान 18 फीसदी गिरावट आ सकती है। पिछले वर्ष सूखे के कारण किसानों ने गन्ने की बुआई में कटौती की थी, जबकि इस साल मॉनसून कमजोर पड़ रहा है जिससे फसल वृद्धि सीमित हो रही है। उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। कम उत्पादन से भारत को अपना चीनी स्टॉक घटाने में मदद मिलेगी जो दो साल के रिकॉर्ड उत्पादन तथा उम्मीद से कम निर्यात के कारण काफी बढ़ चुका है। भारत दुनिया का शीर्ष चीनी उपभोक्ता देश है और चीनी उत्पादन में यह दूसरे स्थान पर है।    

 
पश्चिमी भारत चीनी मिल संघ (विस्मा) के अध्यक्ष बीबी थोंबरे ने आज कहा, '1 अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान भारत का चीनी उत्पादन 2018-19 के 3.3 करोड़ टन के मुकाबले घटकर 2.7 करोड़ टन रह सकता है।' उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की बुआई पिछले वर्ष के सूखे और इस वर्ष मॉनसून आने में देरी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है।' महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है, जबकि दक्षिण राज्य कर्नाटक का स्थान तीसरा है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का उत्पादन अगले सीजन में 44 फीसदी लुढ़ककर 60 लाख टन रह सकता है। 
 
1 जून को मॉनसून के आरंभ होने के बाद देश में औसत से 19 फीसदी कम बारिश हुई है। दूसरी ओर पिछले वर्ष सूखे ने पश्चिमी और दक्षिण भारत में गन्ने की फसल को झुलसा दिया था। थोंबरे ने कहा, 'कम उत्पादन के बावजूद भारत को अगले सीजन में चीनी का निर्यात करना होगा। दो वर्ष के जबरदस्त उत्पादन से देश में चीनी का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।' भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) का अनुमान है कि 1 अक्टूबर को नए सीजन के आरंभ होने के समय चीनी का स्टॉक बढ़कर 1.47 करोड़ टन हो जाएगा जो एक साल पहले के स्टॉक से 37.4 फीसदी अधिक है। कई वर्ष तक प्रचुर गन्ना उत्पादन और रिकॉर्ड स्तर पर चीनी उत्पादन से घरेलू बाजार में चीनी के दाम काफी कम हो गए। इस कारण चीनी मिलों के लिए किसानों का बकाया भुगतान कर पाना मुश्किल हो गया। गन्ना बकाया कम करने और बढ़ते स्टॉक में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार चीनी मिलों को विदेश में चीनी बेचने के लिए प्रोत्साहन दे रही है और उनके लिए वर्ष 2018-19 में 50 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
 

नैशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नायकनवरे ने कहा, 'चीनी मिलें सीजन की शुरुआत रिकॉर्ड स्टॉक के साथ करेंगी। यह स्टॉक निर्यात बिना कम होने वाला नहीं है।' उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादन में अगले सीजन में कमी आएगी फिर भी यह करीब 2.6 करोड़ टन की स्थानीय मांग से अधिक ही रहेगा। नायकनवरे ने कहा, 'किसानों ने सीजन 2020-21 के लिए गन्ने की बुआई शुरू की है लेकिन कम बारिश के कारण इसका रकबा कम है और अगले दो महीने में यदि बारिश रफ्तार नहीं पकड़ती है तो इसके रकबे में और कमी आ सकती है।' गन्ने की एक बार बुआई के बाद इसकी फसल कई बार काटी जाती है। बुआई के 10 से 16 महीने बाद फसल काटी जाती है।            

 
  

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