भारत के चीनी उत्पादन में 2019-20 के दौरान 18 फीसदी गिरावट आ सकती है। पिछले वर्ष सूखे के कारण किसानों ने गन्ने की बुआई में कटौती की थी, जबकि इस साल मॉनसून कमजोर पड़ रहा है जिससे फसल वृद्धि सीमित हो रही है। उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। कम उत्पादन से भारत को अपना चीनी स्टॉक घटाने में मदद मिलेगी जो दो साल के रिकॉर्ड उत्पादन तथा उम्मीद से कम निर्यात के कारण काफी बढ़ चुका है। भारत दुनिया का शीर्ष चीनी उपभोक्ता देश है और चीनी उत्पादन में यह दूसरे स्थान पर है।
नैशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नायकनवरे ने कहा, 'चीनी मिलें सीजन की शुरुआत रिकॉर्ड स्टॉक के साथ करेंगी। यह स्टॉक निर्यात बिना कम होने वाला नहीं है।' उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादन में अगले सीजन में कमी आएगी फिर भी यह करीब 2.6 करोड़ टन की स्थानीय मांग से अधिक ही रहेगा। नायकनवरे ने कहा, 'किसानों ने सीजन 2020-21 के लिए गन्ने की बुआई शुरू की है लेकिन कम बारिश के कारण इसका रकबा कम है और अगले दो महीने में यदि बारिश रफ्तार नहीं पकड़ती है तो इसके रकबे में और कमी आ सकती है।' गन्ने की एक बार बुआई के बाद इसकी फसल कई बार काटी जाती है। बुआई के 10 से 16 महीने बाद फसल काटी जाती है।