अधिकारी ने कहा, 'भारत, थाईलैंड और कुछ अन्य देशों में उत्पादन घटने से वैश्विक चीनी बाजार में आपूर्ति करीब 40 लाख टन कम रहने के आसार हैं। इस वजह से नवंबर से भारतीय चीनी की मांग आएगी। अगर हम इस मौके को गंवा देते हैं तो निर्यात को बढ़ाना मुश्किल होगा।' उन्होंने कहा कि बेहतर तो यह होगा कि निर्यात प्रोत्साहन योजना अगले महीने तक आ जाए ताकि मिलों को निर्यात सौदे करने के लिए पर्याप्त समय मिले और वे नवंबर में भारी वैश्विक मांग आने पर उस समय निर्यात कर पाएं।