•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


गन्ने और धान की खेती में हो रही भूजल की बर्बादी
Date: 18 Jun 2019
Source: The Dainik Jagran
Reporter: Harikishan Sharma
News ID: 40332
Pdf:
Nlink:

आसन्न जल संकट के प्रति आगाह करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती पानी की है। कांत ने महाराष्ट्र व पंजाब जैसे राज्यों में गन्ने व धान की खेती में भूजल की बर्बादी के प्रति आगाह किया है। साथ ही उन्होंने भूजल का समझदारीपूर्वक उपयोग की जरूरत पर भी बल दिया है।

 

नीति आयोग के सीईओ ने यह टिप्पणी ऐसे सयम की है जब अगले कुछ दिनों में आयोग कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स 2019 जारी करने जा रहा है। इस रिपोर्ट में पता चलेगा कि कौन सा राज्य कितने बेहतर तरीके से अपने जल संसाधनों का इस्तेमाल और प्रबंधन कर रहा है। आयोग ने पिछले साल पहली बार यह इंडेक्स जारी किया था जिसके शीर्ष पर गुजरात जबकि सबसे निचले पायदान पर झारखंड था।

 

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में पानी के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। सरकार ने 2024 तक हर घर को नल से जल मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।

 

कांत ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनमें जल सबसे बड़ी चुनौती है। भारत में विश्व की 16 प्रतिशत आबादी है लेकिन जल संसाधन मात्र चार प्रतिशत हैं। हमारे देश में सिंचाई की 63 प्रतिशत जरूरतें भूजल से पूरी होती हैं। ऐसे में भारत को भूजल का समझदारीपूर्वक उपयोग, जल स्रोतों को रिचार्ज करने, जलाशयों का जीर्णोद्धार करने और वेस्ट वाटर को पुन: इस्तेमाल करने की जरूरत है।’ कांत ने कहा, पंजाब और महाराष्ट्र में धान और गन्ने जैसी फसलें उगायी जा रही हैं जो प्रति हेक्टेयर लाखों लीटर पानी का इस्तेमाल करती हैं। महाराष्ट्र में गन्ने की पूरी फसल सिंचाई के पानी से ही होती है। बिहार में एक किलोग्राम चावल पैदा करने के लिए जितने जल की आवश्यकता होती है, उतना ही चावल पैदा करने में पंजाब में 3.5 गुना जल खर्च हो जाता है। कांत ने चावल उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले जल के प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि भारत हर साल बासमती चावल के निर्यात के साथ 10 लाख लीटर पानी भी निर्यात कर देता है।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत। प्रेट्र

 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by