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सूखे से महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में गिरावट के आसार
Date: 12 Jun 2019
Source: Business Standard
Reporter: Reuters
News ID: 40306
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गन्ने की फसल पर सूखे का असर पडऩे से देश के दूसरे सबसे बड़ चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 2019-20 के दौरान चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में 39.2 प्रतिशत गिरकर 65 लाख टन रहने के आसार हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस गिरावट से ​​भारतीय चीनी मिलों पर अतिरिक्त चीनी निर्यात करने का दबाव कम होगा और वैश्विक कीमतों को मदद मिलेगी जो पिछले साल 20 प्रतिशत से अधिक गिर गई थीं। दामों में आंशिक रूप से रियायती निर्यात के कारण गिरावट आई। महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने रॉयटर्स को बताया कि सूखे के कारण महाराष्ट्र के मध्य भाग में फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। गन्ने का रकबा कम हो गया है और गन्ने की कम पैदावार के आसार लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले 2019-20 के विपणन वर्ष में गन्ने के तहत रकबा सूखे के कारण 28 प्रतिशत कम हो गया है। 

 

 
राज्य सरकार के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में जून-सितंबर के मॉनसून सीजन के दौरान महाराष्ट्र में सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई। 30 सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष 2018-19 में राज्य ने 1.07 करोड़ टन चीनी उत्पादन किया था। गायकवाड़ ने कहा कि सूखे से राज्य में चारे की कमी भी पैदा हो गई और किसान को अपने पशुओं को गन्ना खिलाना पड़ा। चालू वर्ष के दौरान भारत में 3.3 करोड़ टन का रिकॉर्ड चीनी उत्पादन होने की संभावना है जिससे स्टॉक में इजाफा होगा। 
 
वर्षों से गन्ने की जोरदार उपज और रिकॉर्ड चीनी उत्पादन से चीनी के घरेलू दाम प्रभावित हुए हैं जिससे मिलों के लिए किसानों को भुगतान करने में मुश्किल होती है जो एक प्रभावशाली वोटिंग ब्लॉक हैं। गन्ना बकाया और बढ़ता स्टॉक कम करने के लिए केंद्र सरकार मिलों को विदेशों को चीनी बिक्री के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर रही है और 50 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है। 
 
एमएमटीसी ने टाली मक्का आयात निविदा
 
भारतीय कंपनी एमएमटीसी ने पीले मक्के का आयात करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जमा कराने की समय सीमा पांचवीं बार स्थगित कर दी है। इस बार इसे 19 जून कर दिया गया है। यूरोपीय कारोबारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। निविदा की शुरुआती समय सीमा 8 मई थी और बाद में इसे 15 मई, 22 मई, 6 जून और 12 जून तक स्थगित कर दिया गया था। इस निविदा में आनुवांशिक रूप से संशोधित संघटक मुक्त (जीएमओ) मक्के की मांग की जा रही है। खरीद की मात्रा एमएमटीसी द्वारा तय की जाएगी जो प्राप्त कीमत स्तर के आधार निर्भर होगी। व्यापारियों को कम से कम 20,000 टन का प्रस्ताव जमा करने के लिए कहा जा रहा है। एमएमटीसी अब 20 जुलाई से 20 अगस्त के बीच मक्के की खेप का प्रस्ताव मांग रही है। पिछली खेप की अवधि 15 जुलाई से 15 अगस्त थी।
 
एक यूरोपीय व्यापारी ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत सहित एशियाई आयातक मक्के के दाम मई के अंत के शीर्ष स्तर से और नीचे आने की उम्मीद कर रहे हैं।' 28 मई को शिकागो मक्के का वायदा भाव करीब दो साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया था क्योंकि अमेरिका के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के पूर्वानुमान ने बुआई में और देरी की आशंका पैदा कर दी थी। 
 
  

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