सरकारने 2015-16 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 230 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। यह 2014-15 के मूल्य से 10 रुपए ज्यादा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने यह फैसला किया। चीनी वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने 9.5 फीसदी रिकवरी के आधार एफआरपी 10 रुपए बढ़ाने की सिफारिश की थी। इससे ज्यादा हर 0.1 फीसदी रिकवरी पर कीमत 2.42 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ जाएगी। यानी अगर रिकवरी 10.5 फीसदी होती है तो एफआरपी 254.20 रुपए प्रति क्विंटल होगा। साल 2012-13 में यूपी में चीनी रिकवरी 9.2 फीसदी, महाराष्ट्र में 11.4 फीसदी थी। यूपी, महाराष्ट्र सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन वाले राज्य, इनके बाद कर्नाटक और तमिलनाडु हैं। ब्राजील सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है। यहां का उत्पादन लगभग 375 लाख टन है। विश्व चीनी उत्पादन लगभग 1336.5 लाख टन है। चीनी खपत में भारत नंबर 1 है। क्याहै एफआरपी एफआरपीयानी गन्ने की सबसे कम कीमत। इससे कम भाव पर मिलें किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकतीं। एफआरपी फसल की लागत में परिवहन लागत को जोड़ कर तय किया जाता है। उत्तरप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्य गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) तय करते हैं। यूपी में चालू पेराई सीजन के लिए एसएपी विभिन्न किस्मों के लिए 275 से 290 रुपए क्विंटल है। रिकवरीक्या है गन्नेसे निकलने वाली शकर की मात्रा को रिकवरी कहा जाता है। 9.5 फीसदी रिकवरी का मतलब 100 किलो गन्ने से 9.5 किलो शकर से है।