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आपूर्ति बढऩे से गुड़ में नरमी
Date: 13 Jan 2015
Source: Business Standard Hindi
Reporter: रामवीर सिंह गुर्जर
News ID: 3921
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बीते दो-तीन साल से मकर संक्रांति के दौरान गुड़, चीनी से महंगा बिक रहा था। लेकिन इस साल इसकी कीमत चीनी से कम हो गई है। गन्ना किसान चीनी मिलों से भुगतान मिलने में देरी से गुड़ कोल्हू चलाने वालों को अपेक्षाकृत कम कीमत पर गन्ना बेच रहे हैं, जिससे गुड़ की उत्पादन लागत में कमी आई है। दूसरी ओर गुड़ के वायदा कारोबार पर पाबंदी से हेजिंग करने वालों की ओर से भी इसकी मांग घटी है। वायदा बाजार आयोग ने पिछले साल अगस्त में मार्च 2015 और इससे आगे के सभी गुड़ वायदा अनुबंधों को पेश न करने का निर्णय लिया था। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी इस बार गुड़ का उत्पादन अच्छा रहा है, जिससे भी इसके दाम नरम हैं।

एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर में गुड़ 2,400 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है, जबकि इस समय उत्तर प्रदेश में चीनी की एक्स फैक्टरी कीमत 2,750 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल है। जाहिर है, गुड़ चीनी से सस्ता बिक रहा है, जबकि पिछले साल गुड़ का थोक भाव 2,700 से 3,100 रुपये क्विंटल था। मुजफ्फरनगर गुड़ कारोबारी संघ के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि चीनी उद्योग की खराब हालत और समय पर भुगतान न मिलने से गन्ना किसान कम कीमत पर भी गुड़ विनिर्माताओं को गन्ना बेचना बेहतर समझ रहे हैं, वहीं गुड़ का वायदा करोबार भी बंद है। लिहाजा, बीते साल से गुड़ के दाम में करीब 300 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा की कमी आई है। गुड़ कारोबारी हरिशंकर मंूदड़ा कहते हैं कि पहले वायदा बाजार चालू होने से सटोरिये गुड़ पर दांव लगाते थे लेकिन इस साल इस पर पाबंदी से सटोरियों की मांग गायब है। गुड़ विनिर्माताओं को गन्ना भी पिछले साल 20 से 25 रुपये क्विंटल सस्ता मिला है। इसलिए इस साल गुड़ सस्ता बिक रहा है।

खंडेलवाल ने क हा कि सटोरियों की मांग न होने इस साल मंडी मेंं गुड़ का स्टॉक (2.5 लाख मन) पिछले साल से कम है। हालांकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बंपर गुड़ उत्पादन के कारण गुड़ की आपूर्ति मांग से भी ज्यादा है। खासकर मध्य प्रदेश में चीनी मिलें न होने के बावजूद गुड़ की आपूर्ति दूसरे राज्यों को यहां तक कि उत्तर प्रदेश में भी हो रही है। चीनी कारोबारी सुधीर भालोटिया ने बताया कि 235 लाख टन मांग के मुकाबले इस साल 255 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान है। ऐसे में इस साल भी चीनी के दाम भी सुस्त ही रहने वाले हैं, जिसका दबाव गुड़ कीमतों पर भी रह सकता है।             

 
  

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