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मिलों की चीनी पर गन्ना किसानों का पहला हक
Date: 14 Oct 2014
Source: Dainik Jagran
Reporter: Jagran Bureau
News ID: 3662
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नई दिल्ली, ब्‍यूरो। बकाया पाने का इंतजार कर रहे गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मिलों के चीनी स्टॉक पर गन्ना किसानों का पहला हक माना है। शीर्ष अदालत ने इसी आधार पर चीनी बेचकर किसानों का बकाया भुगतान करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने स्टे मांग रहे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की याचिकाएं खारिज कर दीं। कोर्ट ने पैसा नहीं मिलने के कारण किसानों के आत्महत्या करने पर चिंता भी जताई।

हाई कोर्ट ने गत पांच सितंबर को राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की याचिका स्वीकार करते हुए 31 अक्टूबर तक गन्ना किसानों का सारा बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने जिलाधिकारियों से कहा था कि वे अपनी निगरानी में चीनी मिलों के पास रखी चीनी का सत्यापन कराकर उसकी बिक्री कराएंगे। इससे मिली रकम से किसानों के गन्ना बकाये का भुगतान करेंगे। इस आदेश से बैंको के पास गिरवी रखे चीनी स्टॉक की बिक्री भी हो रही थी। इसीलिए बैंकों ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने चीनी बिक्री के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उससे कैसे आंखे मूंदी जा सकती हैं। उन्हें भुगतान मिलना ही चाहिए। इससे पहले बैंको की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि बैंकों का 8,000 करोड़ रुपया फंसा है। चीनी उनके पास गिरवी है। कानून के मुताबिक चीनी पर पहला हक बैंको का है। हाई कोर्ट उसे बेचने का आदेश नहीं दे सकता।

लेकिन पीठ ने रोहतगी को उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ सप्लाई एंड परचेज एक्ट की धारा 17(5) याद दिलाई जो किसानों को भुगतान की बात कहती है। जब रोहतगी ने बार-बार बैंको के पैसे फंसे होने की बात कही तो कोर्ट ने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, उस बारे में क्या कहेंगे। अगर आप उन्हें पैसा नहीं देंगे तो वे आत्महत्या करेंगें। इस सबके लिए किसान क्यों भुगते। उन्हें बकाये पैसे का भुगतान मिलना ही चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि इससे हाई कोर्ट का आदेश अंतिम हो गया है और अब 31 अक्टूबर तक बाकी किसानों को भी बकाए का भुगतान मिल जाएगा। कुल 9,000 करोड़ रुपये की चीनी का स्टॉक जमा था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद 2,000 करोड़ की चीनी बिक चुकी है और किसानों को पैसा दिया जा चुका है। अब किसानों का ब्याज सहित सिर्फ 3,500 करोड़ बकाया दिया जाना बचा है। उनका कहना है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि देशभर के गन्ना किसानों के लिए नजीर बनेगा।

 
  

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