गन्ने के उत्पादन में संभावित कमी के चलते अक्टूबर-सितंबर 2019-20 के चीनी विपणन वर्ष में भारत का चीनी उत्पादन 8.4 प्रतिशत घटकर 3.03 करोड़ टन रह सकता है। यूएसडीए की एक नवीनतम रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब देश में चीन का उत्पादन घटेगा। चालू विपणन वर्ष 2018-19 में चीनी उत्पादन 3.3 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इससे पिछले साल उत्पादन 3.43 करोड़ टन था। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, "वर्ष 2019-20 चीनी का उत्पादन 8.4 प्रतिशत घटकर 3.03 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो लगातार दूसरे वर्ष चीनी उत्पादन में गिरावट साबित होगा।" यूएसडीए के अनुसार, "राष्ट्रीय-औसत चीनी रिकवरी दर में शुद्ध कमी के साथ-साथ पिछले चीनी वर्ष की तुलना में गन्ना उत्पादनद रहने का अनुमान है। इसके कारण चीनी के लिए पेराई का गन्ना कम मिलेगा और इससे चीनी उत्पादन कम होगा।" इसके अलावा, इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का रस / शीरा (बी-हैवी मोलासेस) की प्रतिबद्ध आपूर्ति से चीनी मिले एथनाल उत्पादन की ओर और अधिक प्रेरित होंगी क्यों की इससे उनको ज्यादा नकद धन प्राप्त होसकेगा। रपट के अनुसार पिछले चार वर्षों में तीसरी बार, उत्तर प्रदेश भारत में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य होगा और महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के उत्पादन में कमी की कुछ भरपायी कर सकेगा। रपट के अनुसार आलोच्य अवधि में कुल 47 लाख हेक्टेयर रकबे में गन्ने का उत्पादन आठ प्रतिशत घटकर 35.5 करोड़ टन रहेगा। बाजार की स्थितियों के सामान्य होना मानते हुए, यूएसडीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 35 लाख टन चीनी का निर्यात कर सकता है। चीनी की खपत में मामूली बढ़कर 2.85 करोड़ टन हेगी और अगले सीजन से पहले कुल 1.7 करोड़ टन चीनी का पुराना स्टॉक उपलब्ध होगा।