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चीनी उत्पादन ३.२१ करोड़ टन हुआ
Date: 04 May 2019
Source: बिज़नेस स्टैण्डर्ड
Reporter: भाषा
News ID: 36234
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चीनी उद्योगों के प्रमुख संगठन - भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने आज कहा कि देश में चीनी उत्पादन अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू विपणन वर्ष के पहले सात महीनों (अक्टूबर से अप्रैल) में 3.21 करोड़ टन तक पहुंच गया। इस्मा के मुताबिक मौजूदा विपणन सत्र के दौरान कुल चीनी उत्पादन 3.3 करोड़ टन की नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू सकता है।  इस्मा ने कहा है कि ज्यादातर चीनी का उत्पादन पहले ही किया जा चुका है और मौजूदा समय में केवल कुछ चीनी मिलें ही परिचालन में हैं। विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश का चीनी उत्पादन रिकॉर्ड 3.25 करोड़ टन हुआ था। इसके मुकाबले देश में चीनी की वार्षिक खपत मात्र 2.6 करोड़ टन ही है। इस्मा के अनुसार अक्टूबर 2018 से इस साल अप्रैल के बीच चीनी मिलों ने 3.21 करोड़ टन चीनी उत्पादन किया है। 30 अप्रैल तक केवल 100 मिलें परिचालन में थीं। देश के शीर्ष तीन प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों - उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने विपणन वर्ष 2018-19 की अक्टूबर-अप्रैल अवधि के दौरान क्रमश: 1.12 करोड़ टन, 1.07 करोड़ टन और 43.2 लाख टन चीनी उत्पादन किया। 
 
इस्मा ने एक बयान में कहा है कि भले ही चालू वर्ष में गन्ने की पेराई का स्तर पिछले साल की तुलना में कम रहा हो लेकिन 2018-19 में चीनी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में मामूली अधिक होगा। उत्तर भारत में चीनी प्राप्ति का स्तर पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर रहा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित देश के अन्य हिस्सों में भी चीनी प्राप्ति पिछले साल की तुलना में बेहतर है हालांकि यह उतनी नहीं है जितनी उत्तर भारत में हासिल की गई है।  इस्मा ने अनुमान व्यक्त किया है कि पूरे देश में चालू वर्ष के दौरान चीनी उत्पादन लगभग 3.3 करोड़ टन होने की उम्मीद है जो पिछले साल की तुलना में लगभग 5,00,000 टन अधिक होगा।  पिछले 15-20 दिनों में चीनी उत्पादन की गति धीमी हो गई है। बड़ी संख्या में चीनी मिलें पिछले चीनी सत्र की तुलना में कहीं अधिक तेजी के साथ पेराई काम बंद कर रही हैं। इस्मा ने कहा कि विपणन वर्ष 2018-19 के अंत में चीनी स्टॉक 1 अक्टूबर, 2018 के 1.07 करोड़ टन के बचे स्टॉक को ध्यान में रखते हुए लगभग 1.47 करोड़ टन के उच्च स्तर पर होगा। इस प्रमुख उद्योग संगठन ने यह भी संकेत दिया कि प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में बारिश की कमी से कम गन्ना उत्पादन होने तथा एथेनॉल उत्पादन के लिए शीरे का उपयोग बढऩे के कारण विपणन वर्ष 2019-20 में चीनी उत्पादन में गिरावट की संभावना है। 
 
रत्ती भर सोना देश से बाहर नहीं गया : आरबीआई
 
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि 2014 या उसके बाद देश से बाहर सोना नहीं भेजा गया है। कुछ अखबारों और सोशल मीडिया में केंद्रीय बैंक द्वारा 2014 में कुछ सोना विदेश भेजने की रिपोर्ट के बाद आरबीआई ने यह बयान जारी किया है। बयान के अनुसार दुनिया भर में केंद्रीय बैंक अपना सोना सुरक्षित रखने के लिए उसे बैंक ऑफ इंगलैंड समेत अन्य देशों के समकक्ष बैंकों में रखते रहे हैं और यह एक सामान्य गतिविधि है। आरबीआई ने कहा कि सोना विदेश भेजने के बारे में छपी खबरें तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है। कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर पर एक रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें 2014 में आरबीआई का 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेजने की बात कही गई है।
 
  

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