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एथनॉल की उपलब्धता लक्ष्य से कम
Date: 06 Apr 2019
Source: Dainik Jagran
Reporter: JNN
News ID: 36162
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मुंबई। शकर मिलों को उधारी से राहत और पेट्रोल के लिए एथेनॉल की उपलब्धता बढ़ाने के सरकारी प्रयास सफल होते नजर नहीं आ रहे। केंद्र सरकार पेट्रोल में एथेनॉल की ज्यादा ब्लेंडिंग के लिए इसका उत्पादन बढ़ाने के मकसद से उद्योग को राहत दे रही है, लेकिन अब तक अनिवार्य 10 फीसदी ब्लेंडिंग के मुकाबले 7.2 फीसदी ब्लेंडिंग हो रही है।
 
पेराई सीजन 2018-19 में शकर मिलों ने अब तक 237 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई का अनुबंध किया है, लेकिन अनिवार्य 10 फीसदी का लक्ष्य दूर है। पेराई सीजन 2017-18 में शकर मिलों ने 150 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई तेल कंपनियों को की थी, इस लिहाज से इसे बेहतर माना जा सकता है।
लेकिन, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इस्मा) के मुताबिक अनिवार्य 10 प्रतिशत ब्लेंडिंग के लिए 330 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरुरत होती है। इस हिसाब से लगभग 100 करोड़ लीटर एथेनॉल की उपलब्धता कम है।
 
गन्ना पेराई सीजन 2017-18 में शकर मिलों ने तेल कंपनियों के साथ 160 करोड़ लीटर एथेनॉल सप्लाई के अनुबंध किए थे, जिसमें से सप्लाई 150 करोड़ लीटर एथेनॉल की हो पाई जो अनिवार्य 10 फीसदी ब्लेंडिंग का केवल 4.22 प्रतिशत था।
 
एथेनॉल के चौतरफा लाभ
 
शकर उद्योग के लिए एथेनॉल महत्वपूर्ण उत्पाद तो है ही, यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित ईंधन भी है। साथ ही इससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत होती है। यह किसानों के लिए भी लाभकारी है। केंद्र सरकार ने शकर उद्योग को जून 2018 में 8,500 करोड़ रुपए का पैकेज देने की घोषणा की थी। इसमें 4,440 करोड़ रुपए सस्ते कर्ज के रूप में एथेनॉल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए दिए गए थे।
 
घटेगा शकर उत्पादन
 
सीधे गन्ने के रस से एथेनॉल का उत्पादन होने पर 5 लाख टन शकर उत्पादन कम होगा। इस्मा के मुताबिक शकर मिलों ने जो 237 करोड़ लीटर ऐथनॉल की सप्लाई के अनुबंध किए हैं, उनमें से 45 करोड़ लीटर की सप्लाई सीधे गन्ने के रस से बनने वाले बी-ग्रेड शीरे से की जाएगी। इससे पांच लाख टन शकर उत्पादन में कमी आएगी । इसके अलावा करीब 16.5 करोड़ लीटर ऐथनॉल की सप्लाई खराब खाद्यान्न (सड़े हुए आलू, मक्का, खराब खाद्यान्न) आदि से की जाएगी।
 
एथेनॉल के भाव बढ़ाए
 
सितंबर में केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (सीसीईए) ने एथेनॉल की कीमत बढ़ाई थी। इसके तहत सीधे गन्ने के रस से बनने वाले बी-ग्रेड एथेनॉल का भाव 47.13 रुपए से बढ़ाकर 52.43 रुपए प्रति लीटर कर दिया था। दूसरी तरफ शीरे से तैयार सी-ग्रेड के एथेनॉल का भाव 43.70 रुपए से घटाकर 43.46 रुपए प्रति लीटर कर दिया था।
 
2022 तक लक्ष्य प्राप्ति के आसार
 
इस्मा के अनुसार दिसंबर 2018 से लेकर मार्च 2019 के बीच शकर मिलें तेल कंपनियों को 75 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई की है। इसमें से 21 करोड़ लीटर ऐथनॉल का उत्पादन सीधे गन्ने के रस से बनने वाले बी-ग्रेड शीरे और क्षतिग्रस्त खाद्यान्न से किया गया है।
 
इस्मा के अनुसार जिस तरह से केंद्र सरकार ने एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए उद्योग को राहत दी है, उससे अनिवार्य 10 फीसदी ब्लेंडिंग का लक्ष्य वर्ष 2022 तक पूरा हो जाएगा। उद्योग को उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक देश में ऐथनॉल का उत्पादन बढ़कर 20 फीसदी ब्लेंडिंग के स्तर पर पहुंच जाएगा।
 
 
  

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