नई दिल्ली। खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल हर व्यक्ति को दिल्ली सरकार चीनी देगी। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद दिल्ली सरकार के वित्त विभाग की आपत्तियां भी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दूर कर दी हैं। केंद्र ने कहा था कि जितनी चीनी पर सब्सिडी दे रहे हैं जारी रखेंगे, बाकी सब्सिडी का इंतजाम राज्य सरकार खुद करे। दिल्ली में गरीबी रेखा से नीचे और अंत्योदय योजना कार्ड धारकों को अभी तक प्रति परिवार 6 किलो चीनी दी जाती है। लेकिन कानून के तहत नए मानकों, बायोमैट्रिक व आधार नंबर युक्त कार्ड बनाए जाने से इनकी संख्या कम हुई है। ऐसे में सभी को चीनी देने केलिए 3400 मैट्रिक टन चीनी चाहिए। केंद्र सरकार 2900 मैट्रिक टन पर सब्सिडी देती है। उपभोक्ताओं को सरकार 13.50 रुपये किलो चीनी देती है। जिसकेलिए केंद्र सरकार 18.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी देती है। ट्रांसपोर्ट खर्च राज्य सरकार उठाती है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू होने से बीपीएल कार्ड खत्म हो गए हैं। सिर्फ एएवाई और प्राथमिकता वाले परिवार की श्रेणी के राशन कार्ड रह गए हैं। योजना में 72.10 लाख लोगों को शामिल किया जाना है। विशेष बात यह है कि नई योजना को वित्त विभाग और उपराज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद बीपीएल व एएवाई परिवार को मिलने वाली 6 किलो चीनी के बजाए प्रति व्यक्ति 500 ग्राम चीनी मिलेगी। खाद्य आपूर्ति आयुक्त एसएस यादव ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को 500 ग्राम चीनी देने के लिए 600 मीट्रिक टन चीनी पर सब्सिडी का खर्च राज्य सरकार को उठाना होगा। वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद उपराज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा।