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यूपी में गन्ना किसानों का भुगतान करके लोकसभा चुनाव में वोटों की फसल काटेगी बीजेपी!
Date: 30 Mar 2019
Source: The Navabharat Times
Reporter: Premdev Sharma, Meerut
News ID: 36133
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यूपी में गन्ना किसानों का करीब 10,000 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें 45 फीसदी से अधिक 6 लोकसभा क्षेत्र के किसानों का है जहां 11 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी गुरुवार को मेरठ में हुई रैली में बकाया भुगतान की बात कही थी।

 

म देव शर्मा, मेरठ 
वेस्ट यूपी में गन्ना सियासत का सबसे बड़ा मुद्दा है। गन्ना भुगतान को लेकर इलाके की राजनीति गरम है। ऐसे में यूपी सरकार ने दावा किया है कि 5 अप्रैल तक किसानों को बकाया गन्ना मूल्य के आधे से ज्यादा का भुगतान कर दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन ने जहां सरकार के इस ऐलान पर प्रसन्नता जाहिर की है, वहीं बीजेपी वोटों के लिहाज से इसे फायदे के तौर पर देख रही है। 

 

बताया जाता है कि यूपी में गन्ना किसानों का बकाया करीब 10,000 करोड़ रुपये है। इनमें 45 फीसदी से अधिक 6 लोकसभा क्षेत्र के किसानों का है जहां 11 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होने जा रहा है। जानकार बताते हैं कि बीजेपी कैराना का इतिहास नहीं दोहराना चाहती है, जहां पिछले साल हुए उपचुनाव में गन्ना भुगतान बड़ा मसला बना था और पार्टी की हार हुई थी। 


इस तरह करेंगे भुगतान 
मेरठ के डेप्यूटी केन कमिश्नर हरपाल सिंह ने बताया कि इस समय विभाग के पास कई मदों से पैसा आ रहा है। चीनी मिलों में उत्पादित बिजली का 300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान बिजली निगम की तरफ से किया गया है। मोदी सरकार की ओर से उत्‍पादन छूट और निर्यात छूट का भुगतान किया जा रहा है। साल 2017-18 में बनाई गई चीनी पर प्रति क्विंटल 31 हजार रुपये की दर से मोदी सरकार की तरफ से सॉफ्ट लोन दिया जा रहा है। 

उन्‍होंने कहा कि जो भी पैसा मिल रहा है, उससे हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इससे किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाए। सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास है कि 5 अप्रैल तक बकाया गन्ना मूल्य के आधे से ज्यादा का भुगतान किसानों को कर दिया जाए। उधर, गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा का कहना है कि इंटरनैशनल मार्केट में चीनी का भाव कम होने के बावजूद पिछले पांच साल का बकाया भुगतान कराना सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है। सुरेश राणा का कहना है कि पिछले साल और मौजूदा सत्र का 58 हजार करोड़ रुपये का भुगतान सरकार कर चुकी है। बाकी भुगतान भी जल्द कर दिया जाएगा। 

‘शुगर मिलें रुकावटें पैदा करती हैं’ 
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत का कहना है कि बकाया भुगतान से सबसे ज्यादा खुशी छोटे किसानों को होगी। उन्‍होंने कहा कि जो सरकार गन्ना मूल्य का बकाया दिलवाएगी, उसे ही चुनाव में लाभ मिलेगा। टिकैत का कहना है कि सरकार तो किसानों को भुगतान कराना चाहती है, लेकिन शुगर मिलें इसमें बाधा पैदा करती हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी गुरुवार को मेरठ में हुई रैली में बकाया भुगतान की बात कही थी। 

 
  

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