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एथनॉल खरीद के लिए नई निविदा जारी
Date: 13 Mar 2019
Source: Business Standard
Reporter: Virendra Singh Rawat
News ID: 36065
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अतिरिक्त डिस्टिलरी क्षमता की सुविधा प्रदान करने के लिए हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा चीनी मिलों को 12,900 करोड़ रुपये के बैंक ऋण के लिए 2,790 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता को मंजूरी दी गई है। इसके मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने 91 करोड़ लीटर एथनॉल खरीद के लिए नई निविदा जारी की है। चीनी सीजन 2018 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान पेट्रोल के साथ मिश्रण के लिए तेल विपणन कंपनियों की एथनॉल मांग 313.6 करोड़ लीटर रही और मौजूदा 2019 सीजन के लिए यह मांग 330 करोड़ लीटर रहने का अनुमान है। अब तक पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण 5.8 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच चुका है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्यों का मिश्रण प्रतिशत 8.5 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है जबकि गन्ने की अधिक उपलब्धता की वजह से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने नौ प्रतिशत या इससे भी अधिक का मिश्रण स्तर हासिल कर लिया है।
 
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि 380 करोड़ लीटर की मौजूदा एथनॉल क्षमता को ध्यान में रखते हुए हम अगले वर्ष पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत मिश्रण स्तर को पार कर लेंगे। इसके बाद वाले वर्ष में देश की पेट्रोल खपत का 15 प्रतिशत तक प्रतिस्थापित हो सकता है। एथनॉल में अतिरिक्त गन्ने का इस्तेमाल किए जाने के कारण चीनी उद्योग को चीनी आधिक्य कम करने में मदद मिलेगी। अगले वर्ष से ही चीनी उत्पादन में 15 से 20 लाख टन की कमी देखी जा सकती है। कुल मिलाकर यह सरकार का बहुत बढिय़ा फैसला है जिसका चीनी उत्पादकों द्वारा पूरे दिल से स्वागत किया गया है।
 
इससे पहले तेल विपणन कंपनियों ने 330 करोड़ लीटर की निविदा जारी की थी जो 66 करोड़ लीटर बी-भारी शीरे/गन्ने के रस/खराब खाद्यान्न से निर्मित एथनॉल के लिए और 263 करोड़ लीटर सी-भारी शीरे से निर्मित एथनॉल के लिए थी। बाद में तेल विपणन कंपनियों ने 259.3 करोड़ लीटर से अधिक एथनॉल लेने के लिए निविदा को अंतिम रूप दिया था जिसमें से अब तक 30.1 करोड़ लीटर की आपूर्ति की जा चुकी है। पहचान उजागर न करने का अनुरोध करते हुए सूत्रों ने कहा कि अब 91 करोड़ लीटर एथनॉल के लिए दूसरी निविदा जारी की गई है जिसकी बोलियां जमा करने की आखिरी तारीख 22 मार्च है। यह इस बात का संकेत है कि आधिक्य वाले सीजन के दौरान भी किसानों के लिए लाभकारी और तेल आयात बिल में कटौती के लिए जीवाश्म ईंधन में एथनॉल मिश्रण बढ़ाने की केंद्र की अवधारणा के साथ तेल विपणन कंपनियां सहयोग कर रही हैं।
 
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) 46.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ एथनॉल की शीर्ष खरीदार है। इसके बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी) और भारत पेट्रोलियम (बीपी) का स्थान है। इस चीनी सीजन में एथनॉल मिश्रण का 5.8 प्रतिशत पहले ही प्राप्त किया जा चुका है, जबकि 90 प्रतिशत एथनॉल का उत्पादन सी-भारी (70 प्रतिशत) और बी-भारी (20 प्रतिशत) से किया जा रहा है। बाजार में आधिक्य की चुनौतियों, चीनी के गिरते दामों और बढ़ते स्टॉक के कारण दबावग्रस्त चीनी क्षेत्र को गन्ने का कुछ हिस्सा एथनॉल उत्पादन में लगने के कारण इस नई एथनॉल क्षमता से मदद मिलेगी।
 
इस बीच आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भी बैंकों द्वारा शीरा आधारित एकल डिस्टिलरियों को 2,600 करोड़ रुपये के सांकेतिक ऋण का विस्तार करने के लिए ब्याज सहायता की खातिर 565 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह ऋण जून 2018 में स्वीकृत किए गए 4,440 करोड़ रुपये के बैंक ऋणों के अलावा था जिसमें लगभग 1,300 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता शामिल थी। इक्रा रेटिंग्स के अनुसार नई एथनॉल क्षमता विस्तार से चीनी क्षेत्र में मौजूदा मांग-आपूर्ति का असंतुलन दूर होने और चीनी मिलों के लिए नकदी सृजन तथा तरलता में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) के तहत 10 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
 
इक्रा रेटिंग्स के वरिष्ठï उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि अधिक एथनॉल उत्पादन मुख्य रूप से सरकार द्वारा उद्योग को लगातार दिए जा रहे प्रोत्साहन पर निर्भर रहा है जो प्रमुख रूप से बी-शीरे और गन्ने के रस से तैयार एथनॉल को दी जाने वाली आर्थिक सहायता के रूप है।
 
  

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