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सरप्लस प्रोडक्शन से जूझ रही शुगर इंडस्ट्री को मिला बांग्लादेश, ईरान से सपोर्ट
Date: 11 Mar 2019
Source: Economic Times
Reporter: Jayashree Bhosale
News ID: 36061
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भारत चीनी के रिकॉर्ड सरप्लस प्रॉडक्शन की स्थिति से जूझ रहा है। ऐसे में पड़ोसी देशों से राहत मिलती नजर आ रही है। बांग्लादेश भारतीय चीनी के सबसे बड़े आयातक के रूप में उभरा है। वहीं श्रीलंका भी भारतीय चीनी बड़ी मात्रा में खरीद रहा है और आयातक के रूप में वह बांग्लादेश के बाद दूसरे नंबर पर है। पिछले महीने से ईरान भी भारतीय चीनी काफी मात्रा में आयात करने लगा है। वह दोनों देशों के बीच रुपये में हो रहे व्यापार के जरिए चीनी खरीद रहा है। उसकी रफ्तार देखकर लग रहा है कि इस साल वह भारतीय चीनी का सबसे बड़ा आयातक बन जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी मिल महासंघ के प्रबंध निदेशक संजय खटाल ने कहा, 'बांग्लादेश परंपरागत रूप से ब्राजील से चीनी खरीदता रहा है, लेकिन वह भारत से काफी मात्रा में रॉ शुगर खरीद रहा है।' इस डील पर मुहर लगाने के लिए सरकार, व्यापार और उद्योग जगत के दो प्रतिनिधिमंडलों ने बांग्लादेश का दौरा किया था। भारत चूंकि नियमित रूप से चीनी का बड़ा निर्यात नहीं करता है, लिहाजा इंडस्ट्री को पड़ोसी बाजार में ही पैठ बनाने में मुश्किल हो रही है।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल महासंघ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनावरे ने कहा, 'भारत की कच्ची चीनी की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। हमारे यहां लॉजिस्टिक्स का मामला तेज और सस्ता है। इन वजहों से हमें बांग्लादेश में मार्केट हासिल करने में मदद मिली है।'

भारतीय चीनी मिलों ने अब तक 22 लाख चीनी के निर्यात का करार किया है। इसमें से 15 लाख टन चीनी भेजी जा चुकी है। चीनी उद्योग का अनुमान है कि 2018-19 सीजन खत्म होने तक 30-35 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका होगा।

इस बीच, ट्रेडर्स ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय चीनी की मांग बांग्लादेश के अलावा दूसरी जगहों से भी बढ़ी है। इंडिपेंडेंट एक्सपोर्टर राहिल शेख ने कहा, 'ईरान को कच्ची चीनी का निर्यात 5 लाख टन तक जा सकता है।'

भारत ईरान से क्रूड ऑयल खरीदता रहा है और उसके लिए रुपये में पेमेंट कर रहा है, लिहाजा ईरान ने तय किया है कि इस पेमेंट के कुछ हिस्से के जरिए भारत से कच्ची चीनी का आयात किया जाएगा।

चीनी उद्योग को अब भी यह उम्मीद है कि मौजूदा शुगर सीजन में चीन को चीनी का निर्यात किया जाएगा। नाइकनावरे ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि चीन शुगर के लिए इंपोर्ट परमिट जल्द जारी करेगा। चीनी मिलों में कामकाज मई तक चलेगा, लिहाजा हम चीन से कच्ची चीनी की आने वाली किसी भी मांग को पूरा करने के लिए हम उत्पादन करने की स्थिति में होंगे।'

 
  

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