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News
चीनी मिलों की धमकी पर पासवान नाराज
Date:
06 Sep 2014
Source:
Dainik Jagran
Reporter:
Surendra Prasad Singh
News ID:
3581
Pdf:
Nlink:
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग की आगामी सीजन में पेराई शुरू नहीं करने की धमकी पर केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सख्त नाराजगी जताई है। किसानों को उनके गन्ने का बकाया चुकता करने की जगह अब आंख दिखाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर, 2014 से चीनी मिलों को नहीं चलाने की धमकी गैरवाजिब है।1चीनी मिलों की समस्या और गन्ना किसानों की मुश्किलों से निजात पाने पर पासवान ने कहा कि यूपी सरकार और मिल मालिकों ने मामले को उलझा दिया है। यह ठीक नहीं है। केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए चीनी उद्योग की सभी मांगों को सहजता से मान लिया। चीनी निर्यात प्रोत्साहन सब्सिडी, रियायती कर्ज, पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण और चीनी आयात शुल्क को 15 से बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया गया। बावजूद इसके गन्ना किसानों का साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये का बकाया अभी पड़ा हुआ है। इसमें अकेले उत्तर प्रदेश की मिलों पर 5,000 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है। मिलें अपने वादे पर कायम नहीं हैं। यूपी सरकार तो केंद्र के कंधे पर रखकर बंदूक चला रही थी। मिलों के बारे में पासवान ने कहा कि पिछले साल केंद्र के घोषित उचित व लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी पर उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) 280 रुपये कर दिया था। उस वक्त मिलों ने यूपी सरकार के साथ 260 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान की हामी भर ली थी। अब उस करार को भी पूरा करने से पीछे हट रही हैं। एथनॉल मिश्रण की मात्र बढ़ाने की मांग मानकर 10 फीसद कर दी गई, लेकिन यह सिर्फ 2.5 फीसद ही हो पाया है।उलझा मामला
और भी हैं विकल्प1पासवान ने कहा कि चीनी उद्योग को मालूम होना चाहिए कि किसानों के पास दूसरी फसलों की खेती का विकल्प भी है। इस बारे में भी चीनी मिलों को सोचना चाहिए।\
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