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गन्ना मूल्य पर दो-दो हाथ की तैयारी
Date: 08 Sep 2014
Source: Jagran
Reporter: राब्यू
News ID: 3580
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राब्यू, लखनऊ : हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद गन्ना किसानों ने बकाया भुगतान के मुद्दे के बजाए नए पेराई सत्र के लिए गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने को सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। इससे टकराव के हालात बनना तय हैं क्योंकि चीनी मिल मालिकान लिन्केज फामरूला लागू किए बगैर मिलें चलाने की राजी नहीं हैं। किसान 350 रुपये से कम गन्ना मूल्य स्वीकारने का तैयार नहीं हैं। वहीं चीनी मिलें 225 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम नहीं देंगी।1बकाया भुगतान को लेकर तालाबंदी अभियान छेड़े भाकियू ने आंदोलन में मोड़ देने का फैसला किया है। प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि बकाया रकम नहीं मिलने तक मुहिम को जारी रखेंगे परन्तु अगले सप्ताह होने वाली पंचायत में गन्ने का दाम पर आंदोलन तय किया जाएगा। मिल मालिकों द्वारा गन्ना मूल्य न बढ़ाने के लिए पेराई सत्र शुरू नहीं करने की धमकी का जवाब दिया जाएगा। टिकैत का कहना है कि सूखा व मंहगाई के कारण गन्ने की लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। दाम नहीं बढ़ाए गए तो आरपार का संघर्ष होगा। किसान अधिकार आंदोलन के नरेंद्र सिंह राणा ने गन्ना मूल्य पर दस सितंबर से लखनऊ में बेमियादी धरने की चेतावनी दी है। किसान जागृति मंच के सुधीर पंवार का कहना है कि गन्ने का दाम नहीं बढ़ता है तो गन्ना बोआई बंद करने को किसान बाध्य होंगे।1विपक्षी दल किसानों के साथ आए1गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में विपक्षी दलों ने सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है। भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी 15 सितंबर को आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल तोमर ने कहा, लागत मूल्य बढ़ने के कारण सरकार को 350 रुपये से कम गन्ना मूल्य निर्धारित नहीं करना चाहिए। रालोद का जिलेवार आंदोलन जारी है। मेरठ में सोमवार को प्रदर्शन होगा, वहीं लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 1इस बार एफआरपी से भुगतान हो1चीनी की कीमत स्थिर रहने से चिंतित मिल मालिकों का कहना है कि सरकार इस बार गन्ना मूल्य निर्धारित करने को लिन्केज फामरूला लागू करे अथवा केंद्र द्वारा घोषित उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी)भुगतान की व्यवस्था करे। यूपी एस्मा प्रवक्ता का कहना है कि इस बार चीनी के दाम वृद्धि के आसार नहीं हैं क्योंकि प्रति माह खपत 56 लाख क्चिंटल है और स्टाक में 2.50 करोड़ क्विंटल चीनी भरी है। 30 रुपये प्रति किलोग्राम चीनी बिक्री होने से गन्ने का मूल्य 225 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा भुगतान करना संभव नहीं होगा।6चीनी मिल मालिक दाम न बढ़ाने को लिन्केज फामरूले पर अड़े

 
  

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