•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


दोगुना एथनॉल मिश्रण की उम्मीद
Date: 08 Dec 2018
Source: Business Standard
Reporter: संजीव मुखर्जी और एजेंसियां
News ID: 35790
Pdf:
Nlink:
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार एथनॉल क्षमता बढ़ाने के लिए चीनी उद्योग को और आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग के पक्ष में है। ऐसा पहली बार है जब भारत 2018-19 के चीनी सीजन में पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण को दोगुना करके आठ प्रतिशत करने की उम्मीद कर रहा है। अब तक भारत पेट्रोल के साथ चार प्रतिशत से कम एथनॉल मिश्रण कर सकता था लेकिन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा दिए जाने वाले बेहतर दामों की वजह से उद्योग का मानना ​​है कि देश में यह मिश्रण दोगुना हो जाएगा।
 
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) की 84वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि उद्योग को चावल के कचरे आदि जैसे अन्य स्रोतों से एथनॉल उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले चार सालों में इस एक लाख करोड़ रुपये के क्षेत्र में प्रतिमान स्थापित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रधान ने कहा कि पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण पिछले चार सालों के दौरान 1-1.5 प्रतिशत से चार प्रतिशत पर पहुंच गया है। 2018-19 के चीनी वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में यह मिश्रण स्तर 7-8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
 
मंत्री ने कहा कि हालांकि खरीद के दामों में इजाफे की वजह से तेल विपणन कंपनियों के लिए एथनॉल खरीदना महंगा है लेकिन सरकार ने किसानों के कल्याण के साथ-साथ अपनी ऊर्जा आवश्यकता पूरी करने के वास्तेे एथनॉल उत्पादन में इजाफे के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। प्रधान ने कहा कि सरकर कच्चा तेल, एलएनजी और अन्य उत्पादों का आयात करते हुए ऊर्जा मांग पूरी करने केलिए 8-10 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा व्यय करती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एथनॉल क्षमता निर्मित करने के लिए आवेदकों केपहले समूह को आसान ऋण उपलब्ध कराया है और वह दूसरे समूह को ऋण मंजूरी के लिए प्रतिबद्ध है।
 
जून में सरकार ने गन्ने के आधिक्य का इस्तेमाल करने के लिए एथनॉल उत्पादन क्षमता निर्मित करने के वास्ते 44 अरब रुपये के आसान ऋण को मंजूरी दी थी। इसमें पांच साल की अवधि में 13.32 अरब रुपये की ब्याज सहायता मिलेगी जिसमें एक वर्ष की ऋण स्थगन अवधि भी शामिल है। उद्योग के सूत्रों के अनुसार सरकार दूसरे दौर में लगभग 18 अरब रुपये की ब्याज सब्सिडी प्रदान कर सकती है और वह शीरा-आधारित डिस्टिलरी को भी इस आसान ऋण कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति प्रदान कर सकती है।
 
सूत्रों ने कहा कि एथनॉल उत्पादन क्षमता में विस्तार के लिए अब तक लगभग 268 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है जिनमें से 114 परियोजनाओं को वित्तीय सहायता मंजूर की गई है। शेष परियोजनाओं को ब्याज सहायता के लिए 18 अरब रुपये की और राशि की आवश्यकता होगी। सितंबर के आखिर में सरकार ने अधिशेष चीनी उत्पादन में कटौती और तेल आयात कम करने के उद्देश्य से पेट्रोल में मिश्रण केे लिए सीधे गन्ने के रस से उत्पादित एथनॉल के दामों में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को मंजूरी दी थी। सरकार ने 2003 में प्रायोगिक आधार पर ईबीपी कार्यक्रम की शुरुआत की थी। वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल ईंधनउपयोग को बढ़ावा देने के लिए बाद में इस कार्यक्रम का विस्तार 21 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में कर दिया गया था। लेकिन पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य कभी पूरा नहीं हो पाया।
 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by