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चीनी मिलों को मिलेगी प्रोत्साहन की मिठास
Date: 18 Sep 2018
Source: Business Standard
Reporter: संजीव मुखर्जी
News ID: 34546
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पिछले हफ्ते एथनॉल की कीमतों में वृद्घि कर चीनी उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज देने के बाद सरकार चीनी मिलों को एक और प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। मिलों के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 34 रुपये प्रति किलोग्राम करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों के लिए भी कर्ज पुनर्गठन या इसी तरह के अन्य प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं। मिलों की ओर से चीनी का एमएसपी 37 रुपये किलो करने की मांग की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 34 रुपये किलो एमएसपी की सिफारिश की है। हालांकि केंद्र सरकार 34 से 35 रुपये किलो एमएसपी तय कर सकती है। सहकारी चीनी मिलों को भी प्रोत्साहन की जरूरत महसूस की जा रही है। सरकार के इन कदमों से खुले बाजार में चीनी की कीमतों में इजाफा हो सकता है। सरकार का मकसद लगातार दो साल से अतिरिक्त उत्पादन से जूझ रहीं चीनी मिलों तथा गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान के लिए चीनी उद्योग की मदद करना है।
 
सरकार ने जून की शुरुआत में 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की घोषणा कर उद्योग को एक तरह से प्रोत्साहन पैकेज दिया था, वहीं एसएपी 29 रुपये किलो तय किया गया था। इस कीमत से कम पर मिलें चीनी की बिक्री नहीं कर सकती हैं। पिछले हफ्ते के प्रोत्साहन पैकेज से चीनी कंपनियों के शेयरों में खासी तेजी आई थी। एक हफ्ते में चीनी मिलों के शेयर कीमत का कंपोजिट सूचकांक, जिसे बिज़नेस स्टैंडर्ड के रिसर्च ब्यूरो ने तैयार किया है, उसमें 27.5 फीसदी की तेजी आई जबकि इस दौरान सेंसेक्स में 0.35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। 
 
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 10 चीनी कंपनियों के शेयर भाव में एक हफ्ते के दौरान करीब 40 फीसदी की तेजी आई। चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्घि से फैक्टरी कीमत में सीधे इजाफा होगा और प्राप्ति स्तर मिलों की उत्पादन लागत के करीब पहुंच जाएगा। एमएसपी में वृद्घि से अतिरिक्त चीनी का तेजी से निर्यात करने में भी सहूलियत होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि इस बारे में औपचारिक निर्णय जल्द ही लिया जा सकता है। अगर नए एमएसपी को मंजूरी मिलती है तो चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 33 से 34 रुपये किलो हो सकता है, जो वर्तमान बाजार मूल्य के लगभग बराबर है।
 
हालांकि त्योहारी सीजन से पहले सरकार इस पर किस तरह कदम बढ़ाती है और खुदरा कीमतों पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा, यह देखना होगा। एमएसपी के कारण खुदरा कीमतें बढऩे के बाद भी चीनी की कीमतें एक साल पहले की तुलना में कम ही रहेंगी। उद्योग की मांग है कि केंद्र सरकार चीनी का एमएसपी तत्काल कम से कम 7 रुपये प्रति किलो बढ़ाए और 2018-19 के लिए 70 लाख टन निर्यात कोटा तय करे ताकि अतिरिक्त उत्पादन को खपाया जा सके।
 
  

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