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शीरे से एथनॉल बढ़ेगा तो चीनी उत्पादन घटेगा!
Date: 17 Sep 2018
Source: Business Standard
Reporter: संजीव मुखर्जी
News ID: 34538
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सरकार ने हाल में शीरे और गन्ने के रस से एथनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने का फैसला किया है जिससे अगले महीने से शुरू हो रहे नए चीनी सीजन 2018-19 के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 7 से 8 लाख टन घट सकता है। हालांकि नए सीजन में चीनी उत्पादन 355 लाख टन रहने का अनुमान है, इसलिए 7-8 लाख टन की गिरावट से उपलब्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यह महज एक शुरुआत है और आने वाले वर्षों में गन्ने के रस और शीरे का बड़ी मात्रा में एथनॉल बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। इस समय बहुत-सी मिलें एथनॉल उत्पादन के लिए नए उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही हैं।  
 
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एथनॉल की खरीद कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। बी-हैवी शीरे से बनने वाले एथनॉल के दाम बढ़ाकर 52.43 रुपये प्रति लीटर कर दिए गए हैं, जो अभी तक 43.17 रुपये प्रति लीटर थे। वहीं सीधे गन्ने के रस से बनाए जाने वाले एथनॉल की कीमतें बढ़ाकर 59.13 रुपये प्रति लीटर कर दी गई हैं, जो अभी 47.13 रुपये प्रति लीटर हैं। गन्ने के रस से उत्पादित एथनॉल के दाम एक ही बार में करीब 25 फीसदी बढ़ाए गए हैं। हालांकि इसके साथ यह शर्त जोड़ी गई है कि 100 फीसदी एथनॉल का उत्पादन गन्ने के रस से होगा। उद्योग का अनुमान है कि दिसंबर, 2018 से शुरू होने वाले एथनॉल उत्पादन सीजन 2018-19 में चीनी फैक्टरी तेल विपणन कंपनियों को करीब 2 से 2.25 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति करेंगी। हालांकि इस सीजन में तेल विपणन कंपनियों को 3.3 से 3.4  करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होगी। इसमें से करीब 40 से 50 करोड़ लीटर का उत्पादन बी-हैवी शीरे से होगा, जबकि शेष उत्पादन परंपरागत सी-हैवी शीरे से होगा। पहली बार बी-हैवी शीरे और सी-हैवी शीरे के लिए अलग-अलग कीमतें तय की गई हैं। तेल विपणन कंपनियों ने चीनी कंपनियों दो अलग-अलग कीमतें देने को कहा है। 
 

बी-हैवी शीरे से 40 से 50 करोड़ लीटर एथनॉल के उत्पादन से 2018-19 में करीब 7 से 8 लाख टन चीनी का कम उत्पादन होगा क्योंकि शीरे में चीनी की कुछ मात्रा होती है। जब चीनी मिलें अगले 3-4 साल में करीब 1 अरब लीटर एथनॉल उत्पादन क्षमता के संयंत्र लगा लेंगी तो वे तेल विपणन कंपनियों को जरूरत लायक एथनॉल की आपूर्ति कर पाएंगी। तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल में 10 फीसदी एथनॉल मिलाने के लिए करीब 3.3 से 3.4 करोड़ लीटर की जरूरत होती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून में पहली बार बी-हैवी शीरे और सी-हैवी शीरे से उत्पादित एथनॉल के लिए अलग-अलग कीमतें तय की थीं। बी-हैवी शीरे और गन्ने के रस से उत्पादित एथनॉल के सी-हैवी शीरे की तुलना में ज्यादा दाम मिलते हैं। आज एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी से इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलने और मिलों के लिए बेहतर प्रतिफल सुनिश्चित होने की संभावना है।               

 
  

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