बी-हैवी शीरे से 40 से 50 करोड़ लीटर एथनॉल के उत्पादन से 2018-19 में करीब 7 से 8 लाख टन चीनी का कम उत्पादन होगा क्योंकि शीरे में चीनी की कुछ मात्रा होती है। जब चीनी मिलें अगले 3-4 साल में करीब 1 अरब लीटर एथनॉल उत्पादन क्षमता के संयंत्र लगा लेंगी तो वे तेल विपणन कंपनियों को जरूरत लायक एथनॉल की आपूर्ति कर पाएंगी। तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल में 10 फीसदी एथनॉल मिलाने के लिए करीब 3.3 से 3.4 करोड़ लीटर की जरूरत होती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून में पहली बार बी-हैवी शीरे और सी-हैवी शीरे से उत्पादित एथनॉल के लिए अलग-अलग कीमतें तय की थीं। बी-हैवी शीरे और गन्ने के रस से उत्पादित एथनॉल के सी-हैवी शीरे की तुलना में ज्यादा दाम मिलते हैं। आज एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी से इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलने और मिलों के लिए बेहतर प्रतिफल सुनिश्चित होने की संभावना है।