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नई इकाइयों से एथनॉल जल्द
Date: 13 Aug 2018
Source: Business Standard
Reporter: दिलीप कुमार झा
News ID: 34434
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गन्ने से सीधे एथनॉल विनिर्माण की अनुमति देने के सरकार के निर्णय से प्रोत्साहित होकर स्वतंत्र डिस्टलरी इस साल अक्टूबर में अपना  परिचालन शुरू करने की योजना बना रही हैं। पूर्व में चीनी मिलों से जुड़ी डिस्टलरी चीनी के कारखानों में गन्ना पेराई शुरू होने के 4-6 सप्ताह बाद परिचालन शुरू कर दिया करती थीं। चीनी के आधिक्य से बचने और समय पर गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इस साल की शुरुआत में कारखानों को सीधे गन्ने से एथनॉल उत्पादन के लिए स्वतंत्र डिस्टलरी स्थापित करने की अनुमति दी थी।

इस वर्ष लगातार दूसरे साल भी गन्ने के जोरदार उत्पादन के मद्देनजर यह फैसला महत्त्वपूर्ण समझा जा रहा है। 2017-18 के सीजन में चीनी के 3.225 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद उद्योग की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाले (2018-19 के) सीजन में भारत के चीनी उत्पादन के नए रिकॉर्ड 3.55 करोड़ टन का अनुमान जताया है। इसके विपरीत भारत का सालाना चीनी उपभोग 2.55 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया गया है।

इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि नई और पुरानी दोनों परियोजनाओं से मौजूदा 275 करोड़ लीटर की स्थापित क्षमता में इस साल एथनॉल उत्पादन की करीब 25 करोड़ लीटर की नई उत्पादन क्षमता जोड़ी जाएगी। इस उत्पादन का एक बड़ हिस्सा अक्टूबर 2018 तक शुरू होने वाला है।’

जून में इस्मा ने अनुमान लगाया था कि 2018-19 में गन्ने का रकबा आठ प्रतिशत तक बढक़र तकरीबन 54.3 लाख टन हेक्टेयर रहेगा जबकि 2017-18 में यह 50.4 लाख हेक्टेयर था।

एथनॉल की इस नई क्षमता से न केवल गन्ने की अतिरिक्त मात्रा का उपभोग होगा बल्कि सरकार के एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्याप्त आपूर्ति की कमी के कारण सरकार चार साल पहले निर्धारित पेट्रोल के साथ पांच प्रतिशत के अनिवार्य एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने में अब तक असफल रही है।

उद्योग के सूत्रों का अनुमान है कि सरकार 2017-18 में पेट्रोल के साथ 113 करोड़ लीटर एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगी जो पिछले वर्ष की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक और पांच प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य 133.5 करोड़ लीटर से कम बैठता है।

इस बीच सरकार ने एथनॉल की नई और पुरानी दोनों परियोजनाओं के लिए ब्याज राहत की घोषणा की है जिसके लिए खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इच्छुक निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए 9 अगस्त को दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। डिस्टिलरीज में रुचि रखने वाले उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जुलाई में जारी दिशा-निर्देशों में जिन कुछ अनुभागों को छोड़ दिया गया था उन्हें सरकार के ध्यान में लाया गया था। हालांकि इन संशोधित दिशा-निर्देशों से एथनॉल उत्पादन के प्रति निवेशक आकर्षित होंगे।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017-18 में पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण के जरिये विदेशी मुद्रा भंडार में 40 अरब रुपये की बचत की घोषणा की है। परिणामस्वरूप कच्चे तेल के आयात में इसी अनुपात में कमी आई है। सरकार ने अगले तीन वर्षों में 120 अरब रुपये की बचत का लक्ष्य निर्धारित किया है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि देश भर में एथनॉल उत्पादन के लिए 12 आधुनिक डिस्टिलरी स्थापित की जा रही हैं। प्रति टन गन्ने से 600 लीटर के बराबर एथनॉल उत्पन्न होता है।

 

 
  

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