चीनी पर सेस लगाने का प्रस्ताव खारिज हो गया। असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह की बुधवार को दिल्ली में हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया। सूत्रों के अनुसार चीनी की कीमतों में आये सुधार से मिलों की माली हालत सुधर गई है। इसलिए चीनी पर सेस लगाने की जरुरत नहीं है। हालांकि एथनॉल पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश की गई है। सूत्रों के अनुसार मंत्रियों के समूह ने लग्जरी आइटम पर एक फीसदी कृषि सेस लगाने पर भी विचार किया।
चालू पेराई सीजन में चीनी का रिकार्ड उत्पादन 320 लाख टन से ज्यादा का हुआ है जिससे चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि 22 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गई थी। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव 29 रुपये प्रति किलो तय करने के साथ ही चीनी बेचने के लिए कोटा प्रणाली लागू की। इसके अलावा चीनी आयात पर जहां आयात शुल्क को बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया, वहीं निर्यात पर शुल्क को भी शून्य कर दिया।
सूत्रों के अनुसार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव तय करने से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में तेजी आई है। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने चीनी पर सेस लगाने का जो प्रस्ताव रखा था, इस पर पहले भी मंत्रियों के समूह की बैठक में फैसला नहीं हो पाया था। सूत्रों के अनुसार चीनी पर सेस लगाने को लेकर सरकार के भीतर ही मतभेद थे।