18-20' कम हो सकता है चालू सीजन में गुड़ का स्टॉक पिछले साल की तुलना में 8,00,000 कट्टे का बकाया स्टॉक बचा है मुजफ्फरनगर मंडी में जो पिछले साल से एक लाख कट्टा कम है "1,206 प्रति 40 किलो रहा शुक्रवार को वायदा बाजार में गुड़ का भाव (जुलाई का) जो 7 अप्रैल को 1,249 रुपये था क्यों बढ़ सकती है कीमतें उत्पादक क्षेत्रों में बार-बार हो रहे खराब मौसम के कारण गुड़ की आवक प्रभावित हो रही है साथ ही गुड़ का सीजन भी समाप्ति की और है, गुड़ का कुल स्टॉक पिछले साल से कम ही होने की आशंका है। आम का सीजन शुरू होने के कारण गुजरात में गुड़ की मांग भी पहले की तुलना में बढ़ी है। ऐसे में गुड़ की मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है गुजरात में आम का सीजन शुरू हो गया है तथा गुजरात में अचार में गुड़ की खपत होती है इसलिए गुजरात की गुड़ में मांग पहले की तुलना में बढ़ गई है गुड़ में इस समय चालानी के साथ स्टॉकिस्टों की मांग भी बनी हुई है जिससे कीमतों में चल रही गिरावट तो रुकेगी ही, साथ भाव बढऩे की ही संभावना है मौसम की बेरुखी की मार गुड़ उत्पादन पर पड़ रही है जिससे उत्पादक मंडियों में गुड़ की दैनिक आवक प्रभावित हो रही है। चालू सीजन में गुड़ का कुल स्टॉक भी पिछले साल की तुलना में करीब 18-20 फीसदी कम ही होने की आशंका है। आम का सीजन शुरू होने के कारण गुजरात में गुड़ की मांग भी पहले की तुलना में बढ़ी है। ऐसे में गुड़ की मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है और निवेशक गुड़ में निवेश करके मुनाफा कमा सकते हैं।
निवेशकों की मुनाफावसूली से एनसीडीईएक्स पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दस दिनों में गुड़ की कीमतों में 3.4 फीसदी की गिरावट आई है। जुलाई महीने के वायदा में शुक्रवार को गुड़ की कीमतें घटकर 1,206 रुपये प्रति 40 किलो रह गई जबकि 7 अप्रैल को इसका दाम 1,249 रुपये प्रति 40 किलो था।
एग्री विश्लेषक अभय लाखवान ने बताया कि उत्पादक क्षेत्रों में बार-बार हो रहे खराब मौसम के कारण गुड़ की आवक प्रभावित हो रही है साथ ही गुड़ का सीजन भी समाप्ति की और है। ऐसे में गुड़ का कुल स्टॉक पिछले साल से कम ही होने की आशंका है। उधर मौसम विभाग आगे भी मौसम खराब ही रहने की भविष्यवाणी कर रहा है।
ऐसे में मौसम खराब रहा तो गुड़ की मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है इसलिए वायदा बाजार में निवेशकों को मौजूदा कीमतों पर निवेश करना फायदेमंद होगा। फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बताया कि चालू सीजन में मुजफ्फरनगर मंडी में केवल 8 लाख कट्टे (एक कट्टा-40 किलो) गुड़ का ही स्टॉक हुआ है जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले एक लाख कट्टे कम है।
पिछले साल मंडी में कुल स्टॉक 12.40 लाख कट्टों का हुआ था लेकिन चालू सीजन में कुल स्टॉक पिछले साल की तुलना में करीब दो से ढ़ाई लाख कट्टे कम होने की आशंका है। गुड़ का सीजन भी समाप्ति की और है जबकि अभी चीनी मिलों में पेराई भी चल ही रही है।
गुजरात में आम का सीजन शुरू हो गया है तथा गुजरात में अचार में गुड़ की खपत होती है इसलिए गुजरात की गुड़ में मांग पहले की तुलना में बढ़ गई है। इसलिए आगामी दिनों में गुड़ की मौजूदा कीमतों में तेजी आने का अनुमान है। गुड़ के थोक कारोबारी हरिशंकर मुंदड़ा ने बताया कि उत्पादक क्षेत्रों में बार-बार मौसम खराब होने से गुड़ की दैनिक आवक प्रभावित हो रही है।
शुक्रवार को मुजफ्फरनगर मंडी में केवल 6,000-7,000 मन (एक मन-40 किलो) गुड़ की ही दैनिक आवक हुई। गुड़ में इस समय चालानी के साथ स्टॉकिस्टों की मांग भी बनी हुई है जिससे कीमतों में चल रही गिरावट तो रुकेगी ही, साथ भाव बढऩे की ही संभावना है। गर्मियों का सीजन शुरू होने से चीनी में कंपनियों की मांग बढ़ेगी, जिससे चीनी के दाम भी बढ़ेंगे जिससे गुड़ की तेजी को बल मिल रहा है।
मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ चाकू का भाव शुक्रवार को 1,040 से 1,170 रुपये, रसकट का भाव 900 से 1,030 रुपये और खुरपापाड़ गुड का भाव 1,020 से 1,045 रुपये और लड्डू का भाव 1,040 से 1,090 रुपये प्रति 40 किलो रहा। मैसर्स देशराज राजेंद्र कुमार के प्रबंधक देशराज ने बताया कि दिल्ली में शुक्रवार को गुड़ चाकू भाव 2,800 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल रहा। गुड़ में आवक के मुकाबले मांग ज्यादा बनी हुई है इसलिए दाम सुधरने की उम्मीद ही है।