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80 लाख टन रॉ शुगर एक्सपोर्ट करना चाहती है इंडस्ट्री
Date: 19 Jun 2018
Source: Economic Times
Reporter: जयश्री भोसले
News ID: 31295
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लगातार दूसरे साल रिकॉर्ड प्रॉडक्शन को देखते हुए शुगर इंडस्ट्री ने मौजूदा पेराई सीजन में 80 लाख रॉ शुगर के एक्सपोर्ट की सरकार से इजाजत मांगी है। गन्ने की पेराई का मौजूदा सीजन 30 सितंबर को खत्म होने वाला है। महाराष्ट्र के पूर्व सहकारिता मंत्री हर्षवर्द्धन पाटिल ने बताया, 'केंद्र सरकार से हाल में मिली वित्तीय सहायता भी इंडस्ट्री को कोई खास फायदा नहीं हुआ। हम 2018-19 में फिर से 3.3 करोड़ टन शुगर का प्रॉडक्शन कर सकते हैं। इसके लिए हमें 80 लाख टन शुगर का एक्सपोर्ट करना पड़ेगा।' इंडस्ट्री का कहना है कि सरकार पर इस पर कोई जल्द फैसला करे ताकि रॉ शुगर के प्रॉडक्शन की तैयारी की जा सके। यह विदेशी ग्राहकों के लिए जरूरी होता है। पाटिल ने बताया कि चीन, बांग्लादेश और इंडोनेशिया समेत कई देशों के खरीदार भारतीय चीनी को खरीद सकते हैं। 

गन्ना किसानों को उनकी बकाया राशि दिलाने में मदद के मकसद से सरकार मिनिमम इंडिकेटिव एक्सपोर्ट कोटा स्कीम के तहत 20 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट की इजाजत पहले ही दे चुकी है। इसके अलावा सरकार ने गन्ना किसानों को प्रति क्विंटल 5.5 रुपये इनसेंटिव देने की घोषणा भी की है। सरकार के साथ इंडस्ट्री के नुमाइंदों की चीन के साथ भी बातचीत चल रही है। इससे वहां 15 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट की उम्मीद बंधी है। 


हालांकि, मैंडेटरी एक्सपोर्ट स्कीम के तहत शुगर मिल चीनी के निर्यात को लेकर परेशानी झेल रही हैं क्योंकि सफेद चीनी के खरीदार काफी कम हैं। नेशनल फेडरनेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश नाइकनावरे ने बताया, 'अब तक इंडस्ट्री ने सिर्फ 2 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट का कॉन्ट्रैक्ट किया है। मॉनसून सीजन के चलते पोर्ट पर कंजेशन होने से शुगर की ढुलाई में सुस्ती आने लगेगी।' इसलिए इंडस्ट्री मौजूदा पेराई सीजन में 80 लाख टन रॉ शुगर की इजाजत सरकार से चाहती है। महाराष्ट्र के शुगर ब्रोकर अभिजित घोरपड़े ने बताया, 'अगर मिलें जुलाई या अगस्त में रॉ शुगर एक्सपोर्ट के कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने में सफल रहती हैं तो वे पेराई सीजन में रॉ शुगर के प्रॉडक्शन की तैयारी कर सकती है।' नाइकनावरे ने बताया कि फेडरेशन ने 18 महीने की अतिरिक्त अ‌वधि में 80 लाख टन रॉ शुगर के एक्सपोर्ट की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा है। उधर, इंटरनेशनल शुगर ऑर्गेनाइजेशन ने अपने तिमाही आउटलुक में कहा है कि 2018-19 में 60 लाख चीनी का सरप्लस प्रॉडक्शन ग्लोबल लेवल पर होगा। 

 
  

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