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चीनी मिलों को 800 करोड़ का एक और पैकेज देने की तैयारी
Date: 28 Jan 2014
Source: Business Bhaskar
Reporter: R.S. Rana
News ID: 3059
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2,000 रुपये प्रति टन की दर से मिलेगा इंसेंटिव
20 लाख टन रॉ शुगर निर्यात होगा चालू सीजन में
40 लाख टन कुल रॉ शुगर निर्यात के लिए पैकेज
800 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा शुगर डेवलपमेंट फंड पर


आर्थिक घाटे से जूझ रही चीनी मिलों को केंद्र सरकार ने ओर 800 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने की तैयारी कर ली है। चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर 2,000 रुपये प्रति टन की दर से इंसेंटिव देने की योजना बनाई है। इस पर आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की आगामी बैठक में फैसला होने की संभावना है। केंद्र सरकार ने इससे पहले 19 दिसंबर 2013 को चीनी मिलों को 6,600 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण का पैकेज देने का फैसला किया था।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मंत्रालय ने चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर 2,000 रुपये प्रति टन की दर से इंसेंटिव देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे केंद्र सरकार पर करीब 800 करोड़ रुपये की सब्सिडी का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर 3,500 रुपये प्रति टन की दर से इंसेंटिव देने की मांग खाद्य मंत्रालय के समक्ष उठाई थी।

खाद्य मंत्रालय द्वारा तैयार प्रस्ताव में चालू पेराई सीजन 2013-14 के लिए 20 लाख टन और आगामी पेराई सीजन 2014-15 के लिए 20 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव दिया जायेगा। चीनी मिलें इसके तहत रॉ-शुगर का ही निर्यात करें, इसलिए इसकी निगरानी वाणिज्य मंत्रालय करेगा। चीनी मिलों को रॉ-शुगर निर्यात के लिए वाणिज्य मंत्रालय के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

उन्होंने बताया कि चीनी मिलों को मार्केटिंग एंड प्रमोशन के आधार पर रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव देने का प्रस्ताव है। चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव का भुगतान शुगर डवलपमेंट फंड (एसडीएफ) से किया जायेगा।

खाद्य मंत्रालय द्वारा तैयार नोट के अनुसार यह योजना 6 दिसंबर 2013 या फिर अधिसूचना जारी होने वाली तारीख से इसे लागू की जाएगी। हालांकि कृषि मंत्रालय चालू पेराई सीजन 2013-14 में पहली अक्टूबर से इस योजना को लागू कराना चाहता है। कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में अनौपचारिक मंत्रियों का समूह (जीओएम) 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव देने के प्रस्ताव को पहले ही हरी झंडी दे चुका है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2007-08 में भी 60 लाख टन चीनी के निर्यात पर करीब 1,450 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन 2013-14 में 250 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है। हालांकि मिलों में पेराई देरी से आरंभ होने के कारण 15 जनवरी तक चीनी उत्पादन 21 फीसदी घटकर 85.50 लाख टन का ही हुआ है।

 
  

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