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चीनी मिलों ने की इथेनॉल कीमतों में २५ प्रतिशत इजाफे की मांग
Date: 15 Jun 2018
Source: Business Standard
Reporter: दिलीप कुमार झा
News ID: 30314
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गन्ने के रस से एथेनॉल के सीधे उत्पादन को व्यावहारिक बनाने के लिए भारत की चीनी मिलों ने अगले सीजन में एथेनॉल के दामों में 25 प्रतिशत इजाफे की मांग की है। तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) शीरा आधारित एथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 41 रुपये प्रति लीटर का भुगतान कर रही हैं। शीरे को चीनी मिलों के लिए एक गौण उत्पाद समझा जाता है। बाद में शीरे को सेवन योग्य या औद्योगिक अल्कोहल बनाने के लिए स्पिरिट में परिवर्तित कर दिया जाता है। तकरीबन 95 प्रतिशत हरित ईंधन वाली इस संशोधित स्पिरिट का निर्जलीकरण करने के बाद एथेनॉल बनाने के लिए सावधानीपूर्वक प्रसंस्करण किया जाता है।
 
अच्छी बात यह है कि शीरे को एथेनॉल में परिवर्तन करने के लिए बड़े स्तर पर कारखाने स्थापित करने की जरूरत नहीं होती, नतीजतन इसकी उत्पादन लागत कम रहती है। हालांकि, एक अरब लीटर एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए करीब 45 अरब रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है। इससे तकरीबन 20 लाख टन अतिरिक्त चीनी खप जाएगी। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित किए गए चीनी पैकेज से निश्चित रूप से लंबी अवधि में डिस्टिलरीज को फायदा मिलेगा, बशर्ते एथेनॉल की कीमतें चीनी उत्पादन की वर्तमान औसत लागत से 1.5 गुना बढ़ा दी जाएं, जो 34 रुपये प्रति किलोग्राम बैठती हैं। इसका मतलब यह है कि गन्ने के रस से एथेनॉल का सीधा परिवर्तन वर्तमान में चीनी मिलों द्वारा वसूले जा रहे 41 रुपये प्रति लीटर के मुकाबले 52 रुपये पर व्यावहारिक हो जाएगा।
 
पिछले हफ्ते सरकार द्वारा घोषित किए गए कुल 70 अरब रुपये के चीनी राहत कार्यक्रम में से 45 अरब रुपये के ऋण पर अगले तीन वर्षों के लिए ब्याज अनुदान 13.32 अरब रुपये बैठता है। अलबत्ता, नई क्षमता स्थापित करने के लिए डिस्टिलरीज को प्रोत्साहित करने के वास्ते सरकार एथेनॉल पर लगाए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर छह प्रतिशत या 2.5 रुपये प्रति लीटर की छूट देने पर काम कर रही है। इस प्रकार, जीएसटी छूट के साथ एथेनॉल के दाम 43.5 रुपये प्रति लीटर कराने के लिए तेल विपणन कंपनियां इस जीएसटी लाभ को डिस्टिलरीज पर डाल सकती हैं। उद्योग के एक विशेषज्ञ ने कहा कि एथेनॉल के दाम या तो इसकी उत्पादन लागत या फिर चीनी की मंद कीमतों के आधार पर निर्धारित करने के फॉमूले को मंजूरी के कारण अब सरकार से अगले साल एथेनॉल के दाम बढ़ाए जाने की उम्मीद है। अगर शीरे पर आधारित एथेनॉल उत्पादन के लिए मूल कीमतें बढ़कर 45-46 रुपये प्रति लीटर हो जाएं, तो सरकार के लिए गन्ने के रस से एथेनॉल उतपादन के वास्ते 51-52 रुपये प्रति लीटर का प्रीमियम देना मुश्किल नहीं होगा।
 
  

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