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गन्ना किसानों के लिए 4 विकल्पों पर विचार
Date: 09 Jun 2018
Source: Business Standard
Reporter: Dilasha Seth and Kiran Rathi
News ID: 30292
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गन्ना किसानों को मदद देने के लिए मंत्रियों की समिति वस्तु एवं सेवा कर के तहत चीनी उपकर लगाने के 4 विकल्पों पर विचार कर रही है, जिसमें चीनी के दाम में बढ़ोतरी भी शामिल है। अभी अटार्नी जनरल की राय का इंतजार किया जा रहा है कि  जीएसटी ढांचे में सामान्य परिस्थितियों में उपकर लगाया जा सकता है या नहीं।  असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा के नेतृत्त्व वाली समिति ने गन्ना किसानों की मदद के लिए धन जुटाने के विकल्पों पर 3 जून की बैठक में विचार किया था। कानून मंत्रालय की राय है कि संवैधानिक रूप से उपकर लगाया जाना वैध है, लेकिन मंत्रालय ने अटार्नी जनरल की राय लेने को कहा था। असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, 'गन्ना किसानों के लिए धन जुटाने के लिए हमने 4 विकल्पों पर चर्चा की। लेकिन हम अभी विकल्पों पर अंतिम फैसला करने के पहले अटार्नी जनरल की राय का इंतजार कर रहे हैं।' 
 
अगर चीनी उपकर लगाने के अलावा चीनी पर जीएसटी दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करके धन जुटाना शामिल है। एक और विकल्प विलासिता या नुकसानदायक सामानों तक की उपकर को सीमित रखना है। मंत्रिसमूह इस पर भी विचार कर रहा है कि सभी कर ढांचे में 1 प्रतिशत जीएसटी बढ़ाकर किसानों के कल्याण के लिए धन जुटाया जा सकता है।  शर्मा ने कहा, 'अगर कानून मंत्रालय कहता है कि हम उपकर नहीं लगा सकते हैं तो ये विकल्प अप्रासंगिक हो जाएंगे।' सरकार ने स्वच्छ भारत उपकर, रबर उपकर, कृषि कल्याण उपकर और चाय उपकर सहित 13 अलग अलग उपकर जीएसटी लागू होने के बाद खत्म कर दिए हैं। पिछले साल सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा था, 'केंद्र सरकार ने उपकर खत्म करने के का कदम उठाया है, जिससे विविन्न वस्तु एवं सेवाएं अलग अलग जीएसटी कर ढांचों में शामिल हो सकें ।'
 
शर्मा ने कहा, 'कानून मंत्रालय की राय आने के बाद हम तीसरी बार एक बैठक आयोजित करेंगे।'   उम्मीद की जा रही है कि यह समिति जीएसटी परिषद की अगली बैठक के पहले रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगी। अनुमान के मुताबिक उपकर लगाकर सरकार 67 अरब रुपये जुटा सकती है।  डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा, 'अगर चीनी पर उपकर लगाया जाता है तो और भी जिंसों पर कर लगाने के लिए आïवाज उठेगी और एक साल पहले खत्म किए गए उपकर फिर बढऩे लगेंगे। जीएसटी राजस्व जुटाने का मुख्य स्रोत है, इसे किसी जिंस से जुड़े मसले पर हल्का नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे जीएसटी ढांचे में अहम बदलाव होगा।' 4 मई को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने प्रस्ताव दिया था कि गन्ना किसानों के घाटे की भरपाई करने के लिए चीनी पर 3 रुपये किलो उपकर लगाया जाए। 
 
बहरहाल इस प्रस्ताव का कुछ राज्यों ने कड़ा विरोध किया। खासकर केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के विरोध के बाद इस मामले पर चर्चा करने के लिए समिति बना दी गई। 5 सदस्यों वाली समिति मेंं उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक और तमिलनाडु के मत्स्य मंत्री डी जयकुमार शामिल हैं। केरल के वित्त मंत्री ने कहा है कि चीनी उपकर से केंद्र व राज्योंं के बीच असमानता पैदा होगी। 
 
  

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