गन्ना किसानों के बकाया भुगतान कराने और चीनी उद्योग को वित्तीय संकट से उबारने के लिए सरकार ने 8500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज मंजूर किया है। लागत से कम मूल्य पर बिक रही चीनी का न्यूनतम मूल्य तय कर दिया है। जबकि चीनी के भारी स्टॉक के मद्देनजर सरकार ने बफर स्टॉक बनाने की हामी भर ली है। इससे मिलों को नकदी संकट से राहत मिल सकती है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में खाद्य मंत्रालय के चीनी उद्योग के राहत पैकेज के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। 8500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज में चीनी मिलों को अलग-अलग मदों में धनराशि का आवंटन किया गया है। कैबिनेट के फैसले में चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 29 रुपये प्रति किलो तय कर दिया गया है।
दरअसल, चीनी के भारी उत्पादन के चलते स्टॉक बहुत अधिक हो गया है, जिससे बाजार में चीनी के मूल्य में भारी गिरावट आ गई है। लिहाजा चीनी का मूल्य उसकी उत्पादन लागत से भी नीचे चला गया है। सरकार ने इसके लिए शुगर कंट्रोल ऑर्डर-2018 के तहत अधिसूचना जारी की है।
चीनी मिलों से बिकने वाली थोक चीनी का मूल्य फिलहाल 26 से 28 रुपये प्रति किलो के बीच चल रहा है जबकि उत्पादन लागत 32 किलो पड़ रही है। इससे निपटने के लिए सरकार ने चीनी का न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर दिया है। मिलों के लिए यह भी एक बड़ी राहत होगी। लेकिन इससे चीनी के खुदरा मूल्य बढ़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने गन्ने से एथनॉल उत्पादन के क्षेत्र में उतरने वाली मिलों को पांच साल के लिए रियायती ऋण मुहैया कराने का फैसला किया है। राहत पैकेज में इसके लिए 4440 करोड़ रुपये के रियायती कर्ज का प्रावधान किया गया है। रियायती ब्याज के साथ मिलों को ऋण पर एक साल मोरटोरियम लगा रहेगा।
इस कर्ज में उद्योग को ब्याज रियायत देने से खजाने पर 1332 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। इन सारे प्रावधानों से चीनी मिलों को 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक के गन्ना एरियर के भुगतान में मदद मिलेगी। मिलों की स्टॉक सीमा तय कर दी गई है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि चीनी की घरेलू खपत 2.50 करोड़ टन है जबकि कुल उत्पादन बढ़कर 3.15 करोड़ टन हो गया है। पासवान ने बताया कि 30 लाख टन के बफर स्टॉक के चलते खजाने पर 1175 करो़ड़ रुपये की लागत आएगी। सरकार गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए 1540 करोड़ रुपये राहत पहले ही मंजूर कर चुकी है।
पासवान ने कहा कि सरकार गन्ना किसानों की परेशानी को लेकर चिंतित है। सरकार उपभोक्ता, किसान और मिलों के हितों का ध्यान रखती है। चीनी आयात शुल्क को दोगुना करके 100 फीसद कर दिया गया है। 20 लाख टन चीनी निर्यात को शुल्क मुक्त कर दिया गया है।