•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


सरकार ३० लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाएगी
Date: 01 Jun 2018
Source: Dainik Jagran
Reporter: Jagran Bureau
News ID: 30214
Pdf:
Nlink:
नई दिल्‍ली. सरकार 30 लाख टन चीनी का बफर स्‍टॉक बनाने पर विचार कर रही है। इस कदम के पीछे उद्देश्‍य गन्‍ना उत्‍पादकों का लगभग 22,000 करोड़ रुपए का बकाया क्लियर करने में चीनी मिलों की मदद करना है। यह जानकारी खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने दी है। 
 
बता दें कि देश में 2017-18 चीनी सीजन (अक्‍टूबर-सितंबर) के दौरान अब तक चीनी का रिकॉर्ड 3.16 करोड़ टन प्रोडक्‍शन होने से इसकी कीमतों में भारी गिरावट आई है। इसके चलते चीनी मिलें गन्‍ना किसानों का भुगतान नहीं कर पा रही हैं। पासवान ने कहा कि हम 30 लाख टन चीनी का बफर स्‍टॉक बनाने के प्रस्‍ताव पर विचार कर रहे हैं। इस मामले में अन्‍य विभागों से भी सलाह ली जाएगी।  
 

पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने PM से की थी दखल देने की अपील 

एनसीपी चीफ और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को लेटर लिखकर मार्केट में चीनी की बहुतायत के मामले में दखल देने की मांग की थी। इसके बाद चीनी के बफर स्‍टॉक को लेकर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए ड्राफ्ट कैबिनेट नोट तैयार किया गया।   
  

न्‍यूनतम एक्‍स मिल सेल प्राइस 30 रु. प्रति किलो रखने का भी प्रस्‍ताव

सूत्रों के मुताबिक, बफर स्‍टॉक तैयार करने के अलावा खाद्य मंत्रालय ने ड्राफ्ट कैबिनेट नोट में न्‍यूनतम एक्‍स मिल सेल प्राइस लगभग 30 रुपए प्रति किलो रखने का प्रस्‍ताव भी रखा है। अभी चीनी के लिए एवरेज एक्‍स मिल प्राइस 25.60 से लेकर 26.22 रुपए प्रति किलो के बीच है। यह प्रोडक्‍शन लागत से कम है। साथ ही मंथली रिलीज मिकेनिज्‍म को फिर से लागू करने और हर मिल के लिए कोटा तय कर उनके लिए स्‍टॉक लिमिट तय करने का भी प्रस्‍ताव रखा गया है। 
 

चीनी की गिरती कीमतों पर लगाम के लिए मंत्रालय तलाश रहे नए विकल्‍प

चूंकि चीनी मिलें 20 लाख टन से ज्‍यादा चीनी एक्‍सपोर्ट नहीं कर सकतीं, इसलिए खाद्य मंत्रालय कुछ नए विकल्‍पों पर भी विचार कर रहा है। पासवान ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय एथेनॉल सेक्‍टर में पॉलिसीज में बदलाव कर शुगर फैक्ट्रियों की मदद करने के रास्‍ते तलाश रहा है। 
 

गन्‍ना किसानों के लिए 5.5 रु. प्रति क्विंटल हुई प्रोडक्‍शन सब्सिडी

इस माह की शुरुआत में सरकार ने गन्‍ना किसानों के लिए 5.5 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोडक्‍शन सब्सिडी को मंजूरी दी थी। देश में चीनी की गिरती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केन्‍द्र सरकार चीनी पर इंपोर्ट ड्यूटी को दोगुना कर 100 फीसदी कर चुकी है और एक्‍सपोर्ट ड्यूटी खत्‍म कर चुकी है। 
 

यूपी-एमपी अपनाएंगे फूड सब्सिडी के लिए DBT प्रणाली 

पासवान ने यह भी कहा कि उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश सरकारों ने चुनिंदा ब्‍लॉक्‍स और जिलों में फूड सब्सिडी के डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रान्‍सफर (DBT) को अपनाने में रुचि जताई है। ये वे क्षेत्र होंगे, जहां बैंकिंग सिस्‍टम मौजूद है। पासवान ने कहा कि इन दोनों राज्‍यों को इस प्रणाली को लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां करने को कहा गया है। 

 

अभी चंडीगढ़, पुडुचेरी और दादरा व नागर हवेली में लागू है यह सिस्‍टम 

वर्तमान में केन्‍द्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़, पुडुचेरी और दादरा व नागर हवेली के शहरी इलाकों में फूड सब्सिडी स्‍कीम के लिए DBT को 

 

 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by