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अब ट्रेनों में ईको-फ्रेंडली थालियों में मिलेगा खाना
Date: 15 May 2018
Source: Dainik Jagran
Reporter: Haricharan Yadav
News ID: 30135
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भोपाल [हरिचरण यादव]। अब ट्रेनों में ईको-फ्रेंडली यानी पर्यावरण-हितैषी थालियों में यात्रियों को खाना परोसा जाएगा। पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल (जैव अपघटनीय) और एक बार इस्तेमाल की जा सकने वाली ये थालियां गन्ने के वेस्ट मटेरियल (अपशिष्ट) से बनाई जाएंगी। एक जून से इसकी शुरुआत हबीबगंज से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी समेत अन्य रूट पर चलने वाली राजधानी व दुरंतो जैसी ट्रेनों से होगी।

इसलिए लानी पड़ीं ईको-फ्रेंडली थालियां

अभी ट्रेनों में ठोस प्लास्टिक, थर्माकोल व पॉलीमर से बनीं थालियां उपयोग में लाई जाती हैं। कई बार ये थालियां ठीक से साफ नहीं होतीं। खाने में उपयोग होने वाले तेल की परत थालियों में जमीं रहती है। इसके कारण यात्री नाराज होते हैं। ऐसी स्थिति में यात्री खाना खाने से परहेज करते हैं। ये थालियां खराब होने पर आसानी से नष्ट भी नहीं होती हैं। इनमें अलग से दाल, सब्जी, चावल आदि रखने के लिए खांचे नहीं होते हैं। इस कारण एल्युमिनियम फाइल की पैकिंग में अलग से दाल, चावल व सब्जी देना पड़ता है। ये सारी समस्याएं अब खत्म हो जाएंगी।

ईको-फ्रेंडली थालियों में दाल, चावल व सब्जी परोसने के लिए खाने बने होंगे। एक बार इस्तेमाल में आने के बाद इनका दोबार इस्तेमाल नहीं होगा। बायोडिग्रेडेबल होने के कारण ये प्राकृतिक परिस्थितियों में स्वतः खाद में तब्दील हो जाएंगी।

आईआरसीटीसी कराएगा उपलब्ध

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) पहले शताब्दी, राजधानी व दुरंतो में ये थालियां उपलब्ध कराएगा। इसके बाद पेंट्रीकार वाली सुपरफॉस्ट व एक्सप्रेस ट्रेनों भी ये थालियों का उपयोग किया जाएगा।

गन्ना किसानों को फायदा

ट्रेनों में इन थालियों के उपयोग से गन्ने के वेस्ट मटेरियल की मांग बढ़ जाएगी। अभी ज्यादातर किसान गन्ने की फसल काटने के बाद गन्ने के रस से गुड़ बना लेते हैं और बाकी के मटेरियल जला देते हैं।

ट्रॉयल कर दिया शुरू

नई दिल्ली-कोलकाता राजधानी में इन थालियों का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इसके सफल होने के बाद 34 शताब्दी, राजधानी व दुरंतों में इनका उपयोग शुरू होगा। - वेद प्रकाश, निदेशक सूचना एवं प्रचार, रेलवे बोर्ड 

 
  

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