वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में गन्ना किसानों को मुआवजे की प्रतिपूर्ति के लिए चीनी पर उपकर लगाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने जीएसटी के तहत 5 फीसदी चीनी उपकर लगाने का प्रस्ताव दिया है। सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'चीनी उपकर प्रस्ताव पर परिषद की बैठक में विचार होगा। यह मुआवजा उपकर से अलग उपकर होगा और इसके लिए अलग से कानून बनाना होगा या वित्तीय अधिनियम में प्रावधान करना होगा।' उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेश के जरिये भी इस पर आगे बढऩे का निर्णय कर सकती है। इस बीच कई राज्यों ने जीएसटी के तहत अलग उपकर के प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह समरूप अप्रत्यक्ष कर सिद्घांत के खिलाफ है। गैर-चीनी उत्पादक राज्यों ने इस तरह के उपकर का विरोध किया है। उनका तर्क है कि उन्हें राज्य के करदाताओं द्वारा चुकाए गए उपकर में कोई हिस्सा नहीं मिलेगा।
चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक ने भी इसका विरोध किया है। कुछेक राज्यों ने चीनी पर मौजूदा 5 फीसदी से अधिक जीएसटी लगाने का विकल्प दिया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में मदद के लिए चीनी मिलों को 5.50 रुपये प्रति क्विंटल वित्तीय सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। पिछले महीने राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अगुआई में उच्च स्तरीय समिति ने गन्ना बकाया को कम करने के लिए तीन प्रस्ताव पर विचार करने का निर्णय किया था। इनमें चीनी पर उपकर लगाने, उत्पादन आधारित निर्यात सब्सिडी और एथेनॉल पर जीएसटी की दर घटाना शामिल है।