Welcome Guest!
|
Members Log In
Close Panel
Home
About us
Ethanol
Cogeneration
Environmental
Statistics
Distillery
Sugar Price
Sugar Process
Contact us
News
और लुढ़की चीनी, थोक में २९ रूपये किलो तक पहुंची
Date:
26 Apr 2018
Source:
Business Standard
Reporter:
दिलीप कुमार झा
News ID:
30065
Pdf:
Nlink:
भंडारण की दिक्कत के कारण मिलों को मजबूरी में बिक्री करनी पड़ रही है। इस वजह से चीनी के दाम गिरकर 28 महीने के निम्नतम स्तर पर आ गए हैं। इस सीजन में उत्पादन में अधिकता की वजह से भंडारण में दिक्कत हो रही है। मध्य अप्रैल तक उत्पादन तीन करोड़ होने और 227 मिलों के अभी भी परिचालन करने से उद्योग अब 2017-18 के सीजन में उत्पादन रिकॉर्ड 3.15 करोड़ टन रहने का पूर्वानुमान जता रहा है, जबकि पिछले सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान यह 2.03 करोड़ टन रहा।
पेराई सीजन की शुरुआत यानी पिछले साल अक्टूबर में भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने 2.51 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान जताया था और बाद में इसे सुधारकर 2.95 करोड़ टन कर दिया। चूंकि इतना उत्पादन कभी नहीं हुआ, इसलिए मिलों ने पिछले कुछ सालों के दौरान भंडारण सुविधाओं का निर्माण नहीं किया। उत्तर प्रदेश स्थित एक प्रमुख चीनी मिल के वरिष्ठï कार्यकारी ने कहा कि न केवल लघु एवं मध्य इकाइयां, बल्कि प्रमुख चीनी उत्पादक भी अपना स्टॉक बेच रहे हैं। इस कारण मजबूरी में बिक्री करने को तरजीह दी गई है।
उत्पादन की 36 रुपये प्रति किलोग्राम लागत की तुलना में थोक बाजार मे चीनी के दाम 29 रुपये प्रति किलोग्राम और 25.50 रुपये प्रति किलोग्राम (एक्स फैक्ट्री) पर चल रहे हैं। अकेले अप्रैल में ही चीनी के दाम 10.2 प्रतिशत तक और अक्टूबर में चालू पेराई सीजन के बाद से 24.56 प्रतिशत लुढ़क चुके हैं। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि मंत्रालय संबंधी एक अनौपचारिक पैनल उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी, चीनी उपकर अधिनियम के अनुरूप उपकर लगाने और एथेनॉल पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती करने जैसे विकल्प तलाश रहा है। 190 अरब रुपये के गन्ना बकाया को चुकाने में चीनी मिलों की मदद के लिए ये विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि भारत की 2.5 करोड़ टन की वार्षिक खपत और 20 लाख टन के निर्यात को ध्यान में रखकर, जो अगले पांच महीनों में चुनौतीपूर्ण हो सकता है, सरकार को सामान्य खरीद स्तर से 45 लाख टन अधिक के अतिरिक्त स्टॉक से निपटना होगा।
इस बीच, वैश्विक बाजार में चीनी के दामों में आई तीव्र गिरावट ने निर्यात को लगभग असंभव कर दिया है। न्यूनतम संकेतक निर्यात कोटा (एमआईईक्यू) के अंतर्गत सरकार ने चालू सीजन में 20 लाख टन चीनी निर्यात का आवंटन किया है। लेकिन वैश्विक बाजार में चीनी के दाम भारत की गिरावट के अनुरूप ही गिरे हैं। भारतीय मिलों को 10 रुपये प्रति किलोग्राम का नुकसान हो रहा है। उद्योग ने मुआवजे की मांग की है। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च की वरिष्ठï विश्लेषक खुशबू लखोटिया ने कहा कि एमआईईक्यू की सफलता मुख्य रूप से सरकार के आगे निर्यात प्रोत्साहन के फैसले पर निर्भर करती है। महाराष्ट्र सरकार प्रति किलोग्राम पांच रुपये की सब्सिडी प्रदान करने की योजना बना रही है।
Navigation
TV Interviews
Application Form For Associate Membership
Terms & Conditions (Associate Member)
ISMA President
Org. Structure
Associate Members(Regional Association)
Who Could be Member?
ISMA Committee
Past Presidents
New Developments
Publications
Acts & Orders
Landmark Cases
Forthcoming Events