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गन्ना बकाया १६० अरब रूपए हुआ
Date: 04 Apr 2018
Source: Business Standard
Reporter: Dilip Kumar Jha
News ID: 29988
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देश में गन्ने की बकाया राशि मार्च में फरवरी के मुकाबले 10 फीसदी बढ़ी है। इसकी वजह यह है कि चालू पेराई सीजन में चीनी की कीमतों में लगातार गिरावट से चीनी मिलें किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रही हैं।  इस क्षेत्र की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) का अनुमान है कि कुल बकाया मार्च के अंत तक बढ़कर 160 से 170 अरब रुपये पर पहुंच गया है, जो फरवरी के अंत में 140 से 150 अरब रुपये था। हालांकि इस्मा वित्त वर्ष के आधार पर गन्ना बकाया के आंकड़े नहीं रखता है। केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सी आर चौधरी ने संसद में कहा था कि 31 जनवरी, 2018 तक चीनी मिलों पर 139.32 अरब रुपये की देनदारी है। 
 
गन्ने के बढ़ते बकाया से किसान आने वाले वर्षों में अन्य फसलों की बुआई की तरफ रुख कर सकते हैं। आम तौर पर किसान फसल की बुआई का फैसला पिछले साल उपज की मिलों कीमतों के आधार पर करते हैं। अब तक का यह रुझान रहा है कि जिस साल किसानों की किसी उपज की कीमतें गिरती हैं तो वे अगले सीजन में दूसरी ज्यादा फायदा देने वाली फसलों का रुख कर लेते हैं।  इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, 'घरेलू बिक्री से चीनी के कम दाम मिलने और वैश्विक चीनी बाजार में भी कीमतें कमजोर होने से चीनी मिलें किसानों को समय पर गन्ने का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं जुटा पा रही हैं। मिलों की आमदनी में 80 से 85 फीसदी हिस्सा चीनी का होता है, इसलिए उसकी कीमतों में गिरावट से मिलों की किसानों को गन्ने के भुगतान की क्षमता प्रभावित होती है। इससे गन्ने का बकाया बढ़ता है।'
 
मुंबई के पास वाशी मंडी में बेंचमार्क चीनी एम के दाम मार्च में 5 फीसदी घटकर 3,198 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए हैं, जो पहले 3,368 रुपये प्रति क्विंटल थे। मार्च में चीनी की एक्स-फैक्टरी कीमत  भी 100 से 150 रुपये घटकर महाराष्ट्र में 2,850 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में 3,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।  इस्मा का अनुमान है कि 31 मार्च, 2018 तक गन्ने का बकाया उत्तर प्रदेश में 72 अरब रुपये और महाराष्ट्र में 25 अरब रुपये था। बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित अन्य प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने का कुल बकाया 40 अरब रुपये होने का अनुमान है। 
 
इस्मा का अनुमान है कि देश में 31 मार्च, 2018 तक कुल 281.8 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल इस समय तक उत्पादित चीनी 188.9 लाख टन से करीब 33 फीसदी अधिक है। उद्योग का अनुमान है कि इस साल देश का कुल चीनी उत्पादन 45 फीसदी बढ़कर 295 लाख टन रहेगा, जो पिछले साल 203 लाख टन था। 
 
  

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