देश में इस साल खपत के मुकाबले ज्यादा चीनी उत्पादन से चीनी का अतिरिक्त भंडार बढ़ेगा. देश में इस साल चीनी का 3.03 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है. इससे अतिरिक्त भंडार 53 लाख टन तक पहुंच सकता है. वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (विस्मा) के मुताबिक, दो बड़े चीनी उत्पादक राज्यों में उत्पादन बढ़ने से अतिरिक्त भंडार में इजाफा होगा.
चीनी उद्योग की संस्था इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने मार्च में 45 लाख टन अतिरिक्त भंडार का अनुमान व्यक्त किया था. जानकारों का कहना है कि अनुमान से ज्यादा अतिरिक्त भंडार से स्थानीय स्तर पर कीमतों पर दबाव बन सकता है. पिछले सप्ताह चीनी की कीमतें दिसंबर 2015 के बाद सबसे निचले स्तर आ गई थीं.
विस्मा के अध्यक्ष बी बी थोम्बरे ने कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में फसल वर्ष 2017-18 के दौरान उत्पादन 1.06 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष 42 लाख टन था. अच्छी बारिश की वजह से महाराष्ट्र में गन्ने की औसत पैदावार इस साल 25 फीसदी तक बढ़कर 105 टन हेक्टेयर रही, जो पिछले साल 80 टन प्रति हेक्टेयर थी.
वहीं देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान 1.08 करोड़ टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 88 लाख टन था. भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. वैश्विक स्तर पर चीनी की कीमतें पिछले ढाई साल के न्यूनतम स्तर के आसपास बनी हुई हैं. केंद्र सरकार ने पिछले महीने चीनी पर निर्यात शुल्क खत्म कर दिया था. इसके बाद देश से चीनी का निर्यात बढ़ने की उम्मीद है .
विस्मा उत्पादन के आंकड़ों को संशोधित कर रहा है, क्योंकि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में अब भी गन्ने की पेराई जारी है. अमूमन पेराई सत्र अक्टूबर से शुरू होकर मार्च तक चलता है. मार्च तक देश में 2.95 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था. थोम्बरे ने कहा कि इस साल गन्ने की फसल पिछले साल की तुलना में बेहतर है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में अब भी कुछ मिलों में उत्पादन हो रहा है. पिछले सप्ताह सरकार ने मिलों को अपने भंडार को कम करने और स्थानीय स्तर पर कीमतों को सपोर्ट करने के लिए 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी.