•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


चीनी मिलों की बिक्री पर दो महीनों के लिए सरकारी लिमिट
Date: 12 Feb 2018
Source: Economic Times
Reporter: जयश्री भोसले
News ID: 29833
Pdf:
Nlink:

केंद्र सरकार ने गुरुवार को दो महीनों के लिए चीनी मिलों की बिक्री पर लिमिट लगा दी है। इसके चलते दाम तुरंत 1 रुपये प्रति किलो बढ़कर 30.50 रुपये प्रति किलो हो गया। ट्रेड इंडस्ट्री को इस बात की फिक्र हो रही है कि एक्सेस चीनी का एक्सपोर्ट नहीं किया गया तो अगले सीजन में बड़े पैमाने पर स्टॉक का कैरी फॉरवर्ड करना पड़ जाएगा। वैसे भी अगले सीजन में चीनी का रिकॉर्ड प्रॉडक्शन होने का अनुमान लगाया गया है।

दिल्ली में M30 ग्रेड चीनी का स्पॉट प्राइस 10 जनवरी से 31 जनवरी 2018 के बीच 20 दिनों के भीतर 34 रुपये से 6% गिरकर 31 रुपये प्रति किलो रह गया। सरकार के दो नीतिगत फैसलों के चलते पिछले एक हफ्ते में चीनी के दाम में 3% से ज्यादा की रिकवरी आई है। केंद्र ने पाकिस्तान से सब्सिडी वाली चीनी के इंपोर्ट की संभावना को सिरे से खत्म करने के लिए मंगलवार को शुगर की इंपोर्ट ड्यूटी 50% से बढ़ाकर 100% कर दी। इसके बाद सरकार ने सेल्स पर लिमिट लगाकर प्राइस सपोर्ट के लिए चीनी मिलों पर दो महीने के लिए रिवर्स कोटा लगाने का फैसला किया।

इन नीतिगत फैसलों पर बाजार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कंज्यूमर्स और बल्क यूजर्स की तरफ से खरीदारी निकली। हालांकि चीनी की सेल्स पर थोड़े समय के लिए अपर लिमिट लगाने से शुगर इंडस्ट्री को राहत नहीं मिलेगी क्योंकि एक्सेस शुगर देश में ही रह जाएगा। महाराष्ट्र के शुगर ब्रोकर अभिजीत घोरपड़े ने कहा, 'अगले साल बड़ा संकट ना पैदा हो, इसके लिए एक्सेस चीनी को एक्सपोर्ट करना होगा या फिर लंबे समय तक के लिए फिर से मंथली रिलीज मेकेनिज्म अपनाना होगा जैसा प्राइस डीरेगुलेशन हो रहा था।'

अगर सरकार मिलों की सेल पर ऊपरी लिमिट लगाए रखती है तो बची हुई चीनी अगले साल बड़े पैमाने पर कैरी फॉरवर्ड होगी जिससे शुगर सेक्टर की फाइनेंशियल पोजिशन बिगड़ जाएगी। हालांकि साउथ महाराष्ट्र के गन्ना उत्पादक इलाके से आने वाले किसान नेता राजू शेट्टी मंथली रिलीज मेकेनिज्म दोबारा लागू करने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने ईटी से बातचीत में कहा, 'लंबे इंतजार के बाद शुगर सेक्टर को रिलीज मेकेनिज्म से छुटकारा मिलेगा जिसका ब्यूरोक्रेसी के हाथों दुरुपयोग होने का बड़ा खतरा है। हम इन रिफॉर्म्स को पलट नहीं सकते।'

चीनी मिल वाले अब एक्सपोर्ट वाली राहत मांग रहे हैं। सासवड माली शुगर फैक्टरी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेंद्र गिरमे कहते हैं, 'केंद्र सरकार को एक्सपोर्ट के लिए इंसेंटिव देना चाहिए। चीनी की दो कीमत वाली व्यवस्था की जा सकती है जिसमें कंज्यूमर को लगभग 30 रुपये प्रति किलो के भाव पर चीनी दी जा सकती है। कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, मिठाई बनाने वालों वगैरह के लिए 50 रुपये प्रति किलो का रेट तय किया जा सकता है।'

 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by