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चीनी के गिरते दाम पर सरकार की लगाम
Date: 10 Feb 2018
Source: Business Standard
Reporter: दिलीप कुमार झा
News ID: 29829
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सरकार द्वारा चीनी की गिरती कीमतें रोकने के लिए आपूर्ति पर नियंत्रण हेतु भंडारण सीमा तय करने के कारण शुक्रवार को सेंसेंक्स और निफ्टी में गिरावट के बावजूद चीनी के दामों में तेजी रही। उत्तम शुगर के शेयर 11.42 प्रतिशत चढ़कर 128.25 रुपये पर पहुंच गए। वहीं, मवाना शुगर लिमिटेड के शेयर 7.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 65.20 रुपये पर और धामपुर शुगर के शेयर 5.5 प्रतिशत की तेजी से साथ 204.45 रुपये पर पहुंच गए। जबकि, वैश्विक बाजारों में गिरावट के चलते शुक्रवार को एसऐंडपी सेंसेक्स 1.18 प्रतिशत अथवा 407.40 अंकों की गिरावट के साथ 34005.76 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 भी 1.15 प्रतिशत अथवा 121.90 अंकों की गिरावट के साथ 10,454.95 पर बंद हुआ। 
 
पिछले कुछ दिनों से चीनी क्षेत्र के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। पहला, मंगलवार को सरकार ने चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाकर दोगुना कर दिया, जिसने कीमतों में गिरावट को रोक दिया। इससे पहले, व्यापारियों को डर था कि पाकिस्तान से 15 लाख टन चीनी का आयात हो सकता है क्योंकि पाकिस्तानी सरकार चीनी निर्यात पर 11 रुपये प्रति किलो या भारत में प्रचलित चीनी की कीमत का 33 प्रतिशत तक प्रोत्साहन दे रही है। दूसरा, केंद्र सरकार ने चीनी मिलों के लिए भंडारण सीमा तय कर दी है, जिसके अनुसार निर्यात के बाद शेष मात्रा का 83 प्रतिशत (फरवरी माह के लिए) और 86  प्रतिशत (मार्च माह के लिए) स्टॉक के रूप में रखना होगा। द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक तथा प्रमुख वित्तीय अधिकारी विजय बांका कहते हैं, 'पिछले कुछ दिनों में किए गए प्रयासों से चीनी की कीमतें स्थिर हुई हैं। हमारा मानना है कि सरकार चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंतित है। इस प्रकार के सकारात्मक कदम आने वाले दिनों में चीनी की कीमतें बढ़ाने में सहायक होंगे।'
 
अक्टूबर में शुरू हुए वर्तमान पेराई सीजन में अधिक उत्पादन की आशंका के चलते चीनी के दाम अब तक 6-7 रुपये प्रति किलो तक गिर गए हैं। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने पहले इस सीजन में 251 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 261 लाख टन कर दिया गया। साथ ही, पिछले सीजन का 40 लाख टन का भंड़ार भी बचा हुआ है। इसलिए कुल 250 लाख टन सालाना उपभोग के मुकाबले चीनी की कुल उपलब्धता 33 लाख टन है।  हालांकि, सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से चीनी के दाम 1.50 रुपये प्रति किलो बढ़े और मिलों से निकलते समय चीनी के दाम 32 रुपये किलो हो गए। हालांकि, अभी भी चीनी के दाम इसकी उत्पादन लागत से कम हैं। उत्तर प्रदेश में 1 किलो चीनी की उत्पादन लागत 33 रुपये है। 
 
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को संकेत दिए कि सरकार चीनी पर लगने वाले निर्यात शुल्क को कम करने पर विचार कर रही है, जिससे मिलें चीनी आधिक्य को वैश्विक बाजारों में बेच सकें। वर्तमान में चीनी पर निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत है। लेकिन इस वर्ष विश्व के सभी बाजारों में चीनी की अधिकता है और ऐसे में यह देखना होगा कि भारत किस तरह चीनी निर्यात पर आगे बढ़ता है। श्री रेणुका शुगर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नरेंद्र मुरकुंबी कहते हैं, 'निर्यात शुल्क में कटौती काफी पहले से लंबित थी। अगर यह कमी की जाती है तो घरेलू बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। इससे गन्ना किसानों और चीनी उद्योग की सहायता के लिए सरकार के इरादों को मजबूती मिलेगी।' चीनी के गिरते दाम से मिलों को बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 20 लाख टन चीनी खरीदने की निर्णय लिया है।
 
  

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