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News
पेराई में देरी से चीनी के उत्पादन में कमी नहीं
Date:
03 Dec 2013
Source:
Business Bhaskar
Reporter:
Reuters
News ID:
2892
Pdf:
Nlink:
चालू सीजन में 30-40 लाख टन चीनी निर्यात होने के आसार : इस्मा
पेराई शुरू
महाराष्ट्र में मिलों ने गन्ने की पेराई शुरू की
यूपी में भी गन्ने के मूल्य पर मिलों से समझौता
जल्दी ही राज्य में पेराई शुरू होने की उम्मीद
चालू सीजन में 250 लाख टन उत्पादन संभव
पिछले सीजन का बकाया स्टॉक 88 लाख टन
मौजूदा
मार्केटिंग सीजन 2013-14 के दौरान गन्ने की पेराई में करीब एक माह की देरी होने के बावजूद देश में चीनी के उत्पादन पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। गन्ना मूल्य को लेकर मिलों और किसानों के बीच गतिरोध रहने की वजह से पेराई में देरी हुई।
उद्योग संगठन के अनुसार अब ज्यादातर मिलों में उत्पादन शुरू होने और देश में पर्याप्त स्टॉक बचने की वजह से इसके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
जिससे न्यूयॉर्क और लंदन में चीनी के मूल्य पर दबाव आ सकता है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल अविनाश वर्मा के अनुसार अभी तक के हालात के अनुसार हमें चीनी के उत्पादन में कमी आने या निर्यात पर प्रतिकूल असर पडऩे की कोई संभावना नहीं क्योंकि ज्यादातर मिलों ने पेराई अब शुरू कर दी है। केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों से गन्ना खरीदने का मूल्य निर्धारित कर दिया है। सरकार ने मिलों ने चीनी का मूल्य खुद तय करने की अनुमति दी है।
अगले साल आम चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने गन्ने के मूल्य के मामले में चीनी मिलों की मांग को अनदेखा कर दिया है। मिलों ने बाजार में चीनी के दाम कम होने की वजह से गन्ने का मूल्य घटाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने गन्ने का मूल्य पिछले साल के स्तर पर ही रखा है। हालांकि किसान मूल्य और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
गन्ने के मूल्य पर गतिरोध होने की वजह से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में पेराई देरी से शुरू हो पाई। किसानों का तर्क है कि ईंधन और फर्टिलाइजर की ऊंची कीमत की वजह से गन्ने का मूल्य बढ़ाया जाना चाहिए। पिछले साल के मुकाबले इन दिनों चीनी के दाम करीब आठ फीसदी कम हैं।
रविवार को उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य पर मिलों सरकार के बीच अस्थाई तौर पर समझौता हो गया। इसके अनुसार गन्ने का मूल्य पिछले साल के बराबर ही रहेगा। एक अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में मिलों ने रविवार से गन्ने की पेराई शुरू कर दी। वहां किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी बंद कर दिए हैं। देश में नया सीजन अक्टूबर से शुरू होता है लेकिन सुचारु रूप से गन्ने की पेराई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर से ही शुरू होती है। इस साल देश में 250 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है।
इसके अलावा पिछले साल का 88 लाख टन बकाया स्टॉक बचने का अनुमान है। भारी बकाया स्टॉक होने की वजह से करीब 30-40 लाख टन चीनी का निर्यात होने की संभावना है। हालांकि विश्व बाजार में जनवरी से चीनी के दाम करीब 12.5 फीसदी घट चुके हैं।
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