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News
चीनी पर ख़त्म होगी भंडारण सीमा
Date:
06 Dec 2017
Source:
बिज़नेस स्टैण्डर्ड
Reporter:
संजीव मुखर्जी
News ID:
26763
Pdf:
Nlink:
सरकार चीनी के भंडारण की सीमा 31 दिसंबर से खत्म करने की योजना बना रही है। साथ ही वह आयात कम करने के लिए आयात शुल्क बढ़ाने सहित अन्य उपायों पर भी विचार कर रही है। ये उपाय इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि 2017-18 के लिए अक्टूबर में गन्ने की पेराई का सत्र शुरू होने के बाद से चीनी की कीमतों (मिल कीमत) में गिरावट आ रही है। इसकी वजह यह है कि उम्मीद के मुताबिक इस बार बंपर फसल हुई है।
अधिकारियों के मुताबिक भंडारण सीमा समाप्त करने का फैसला लगभग हो चुका है लेकिन आयात शुल्क बढ़ाने के मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इसके लिए दूसरे मंत्रालयों से भी सलाह मशविरा किया जाना है। सरकार ने आयात कम करने के लिए जुलाई में आयात शुल्क 40 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था। हालांकि देश में चीनी का ज्यादा आयात नहीं हुआ है लेकिन अनुमानित अधिशेष के कारण जुलाई से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी की कीमतों में और गिरावट आई है जिससे आयात की संभावना बढ़ गई है।
एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि 50 फीसदी आयात शुल्क के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी की कीमतों में गिरावट से आयात का रास्ता खुल गया है। यही कारण है कि आयात शुल्क को और बढ़ाने पर विचार हो सकता है। नवंबर के मध्य तक वैश्विक स्तर पर चीनी की कीमतों में एक साल में करीब 22 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
स्थानीय बाजारों में भी चीनी की मिल कीमतों में कमी आई है। देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से चीनी की कीमत 300 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुकी हैं। महाराष्ट्र में इसमें करीब 400 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है। देश के चीनी उत्पादन में इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है।
कुछ अनुमानों के मुताबिक 2017-18 पेराई सत्र के पहले दो महीनों में करीब 47.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो पिछले साल से करीब 12-13 लाख टन ज्यादा है। अलबत्ता इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने आज एक बयान में कहा कि अक्टूबर और नवंबर में उत्पादन 42 फीसदी बढ़कर 39.5 लाख टन रहा जो पिछले साल इस दौरान 27.8 लाख टन था। इस्मा ने इस वर्ष 2.51 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान जताया है जबकि पिछले साल यह 2.02 करोड़ टन था। इस साल नवंबर तक 443 मिलों में गन्ना पेराई का काम चल रहा था जबकि पिछले साल इस अवधि में 393 मिलों में उत्पादन हो रहा था।
इस्मा के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में नवंबर तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 13.5 लाख टन पहुंच गया जो पिछले वर्ष इस अवधि में 8.4 लाख टन था। इसी तरह महाराष्ट्र में उत्पादन 14.9 लाख टन रहा जबकि पिछले वर्ष यह 9.4 लाख टन था। इस साल की शुरुआत करीब 38.7 लाख टन के प्रारंभिक शेष के साथ हुई जो पिछले कई वर्षों में सबसे कम है। इस्मा ने कहा, 'साफ है कि सरकार 31 दिसंबर के बाद कारोबारियों पर भंडारण की सीमा खत्म करने जा रही है। वे फिर से अपना भंडार तैयार करने के लिए चीनी खरीदेंगे जिससे मिलों से चीनी के उठाव में तेजी आएगी। अगर सरकार ने भंडारण की सीमा पहले खत्म कर दी होती तो मांग से बाजार के रुख में सुधार हुआ होता।'
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