ग्लोबल नरमी थाईलैंड से 85 लाख टन चीनी की विदेश में सप्लाई होगी विश्व स्तर पर चीनी का सरप्लस स्टॉक रहने की संभावना चीनी में ग्लोबल स्पर्धा तेज होने की उम्मीद बढ़ी हालांकि थाईलैंड को चीनी की मांग मजबूत रहने का भरोसा आईसीई व्हाइट शुगर 17.51 सेंट प्रति पाउंड के स्तर पर थाईलैंड में 110 लाख टन चीनी का उत्पादन होने के आसार थाईलैंड में इस साल चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन होने से विश्व बाजार में भाव नीचे रह सकते हैं। इस साल मौसम अनुकूल होने से थाईलैंड में चीनी का उत्पादन 110 लाख टन करीब पहुंचने का अनुमान है। इससे वैश्विक स्तर पर चीनी के बारे में स्पर्धा बढऩे के भी आसार हैं।
इससे पहले भारत में भी चीनी का उत्पादन अनुमान बढ़ाया गया है। देश में मौसम अनुकूल रहने की वजह से चीनी का उत्पादन ज्यादा रह सकता है।
इससे यहां से 30 लाख टन चीनी का निर्यात किए जाने का अनुमान है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उपभोक्ता देश है। थाईलैंड में केन एंड शुगर बोर्ड (ओसीएसबी) के महासचिव सोमसेक सुवाटिगा ने उत्पादन अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि चालू सीजन में मौसम अनुकूल रहा है। इससे थाईलैंड में गन्ने का उत्पादन बेहतर रहने का अनुमान है।
ओसीएसबी ने 25 लाख टन चीनी का घरेलू स्तर पर उपभोग होने का अनुमान है। इस तरह थाईलैंड से 85 लाख टन चीनी निर्यात के लिए उपलब्ध होगी। सोमसेक ने कहा कि थाईलैंड में गन्ने का पेराई सीजन में 15 नवंबर शुरू होगा और अप्रैल तक चलेगा। थाईलैंड दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
थाईलैंड से पिछले सीजन 2012 में 74.8 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था। चालू वर्ष 2013 में जनवरी से अगस्त तक 52 लाख टन निर्यात हो चुका है। बोर्ड ने इस साल भी चीनी का निर्यात 70 लाख टन के ऊपर रहने का अनुमान लगाया है। उसने इस साल के सीजन (नवंबर 12 से अप्रैल 13 तक) में 100.2 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।
कारोबारियों का कहना है कि विश्व बाजार में चीनी के दाम आगे भी कमजोर बने रहेंगे क्योंकि उत्पादन खपत से कहीं ज्यादा रहने का अनुमान है। इंटरनेशनल शुगर एसोसिएशन ने अगस्त में अनुमान जारी किया था कि वैश्विक स्तर पर अगले वर्ष 2013-14 में चीनी का सरप्लस स्टॉक घटकर 45 लाख टन रहेगा। चालू वर्ष 2012-13 में 103 लाख टन सरप्लस स्टॉक रहा।
उसका कहना है कि सरप्लस स्टॉक में कमी से चीनी के भाव को समर्थन नहीं मिलेगा क्योंकि आयात मांग में कमी आने के आसार हैं। लेकिन सोमसेक का कहना है कि थाई चीनी की मांग बेहतर रहेगी। थाईलैंड में सप्लाई बढऩा कोई समस्या नहीं है। उत्पादन में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। हमें विश्व बाजार में खासकर एशिया से मांग बनी रहने का भरोसा है।