जिस साल खाद्यान्न की पैदावार जरूरत से ज्यादा होगी, उस साल सरप्लस प्रॉडक्शन का इस्तेमाल पेट्रोल में मिक्स करने के लिए एथनॉल बनाने में किया जा सकता है। राष्ट्रीय बायोफ्यूल्स नीति के मसौदे के मुताबिक, सरकार ने बायोफ्यूल के उत्पादन के लिए रॉ मैटीरियल की उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से यह प्लान बनाया है। ऑयल मिनिस्ट्री की बनाई इस ड्राफ्ट पॉलिसी में 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 पर्सेंट तक एथनॉल और डीजल में 5 पर्सेंट बायोडीजल की ब्लेंडिंग करने का प्रस्ताव दिया गया है। अभी पेट्रोल में 2 पर्सेंट और डीजल में 0.5% से भी कम एथनॉल मिलाया जाता है।
बायोफ्यूल की मसौदा पॉलिसी पर चर्चा के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बायोफ्यूल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ाने से ऑयल इंपोर्ट बिल घटाने और जॉब जेनरेशन में बढ़ोतरी करने, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने और पर्यावरण प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल स्टेकहोल्डर्स जब तक चाहें, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को उनकी मदद करनी चाहिए क्योंकि यह बायोफ्यूल इंडस्ट्री के विकास और उसको मजबूत बनाने के लिए बहुत जरूरी है।