तैयारी - चीनी मिलों से भारी मात्रा में एथनॉल खरीदेंगी सरकारी तेल कंपनियां कवायद पेट्रोलियम मंत्री मोइली की अगुवाई में तेल विपणन कंपनियों की एस्मा के साथ बैठक इससे गन्ना किसानों के लिए भी गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी का तैयार हो रहा है आधार पेट्रोल बेचने वाली तेल कंपनियां चीनी मिलों से 40 करोड़ लीटर एथनॉल शीर्ष लेंगी साथ ही कंपनियां 60 करोड़ लीटर एथनॉल की खरीद के लिए टेंडर भी जारी करेंगी नबंवर 2012 में पेट्रोल में अनिवार्य रूप से पांच फीसदी एथनॉल मिलाने का फैसला हुआ था निजी क्षेत्र के चीनी मिलों को अब नियमित आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिलने वाला है। इसी के साथ गन्ना किसानों के लिए भी गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी का आधार बनने लगा है, क्योंकि केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पेट्रोल की खुदरा बिक्री करने वाली सरकारी कंपनियों से कहा है
कि वे चीनी मिलों से 40 करोड़ लीटर एथनॉल की डिलीवरी शीघ्र लें। साथ ही, 60 करोड़ लीटर एथनॉल की खरीद के लिए टेंडर जारी करे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नबंवर 2012 में ही पेट्रोल में अनिवार्य रूप से पांच फीसदी एथनॉल मिलाने संबंधी फैसला लिया था।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने सोमवार को सरकारी तेल विपणन कंपनियों के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और निदेशक (विपणन) के साथ इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (एस्मा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने तेल कंपनियों से कहा कि चीनी मिलों के साथ जो 40 करोड़ लीटर एथनॉल की खरीद का सौदा हुआ है, उस पर शीघ्र अमल करें।
इसका मतलब है कि चीनी मिलों से एथनॉल लेकर उसे पेट्रोल में मिलाना शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि 22 नवंबर 2012 को मंत्रिमंडल में आर्थिक मामलों की कमेटी (सीसीईए) ने एथनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस समय देश में पेट्रोल की जितनी खपत हो रही है, उसमें पांच फीसदी एथनॉल अनिवार्य रूप से मिलाया जाए तो साल में 100 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता होगी। हालांकि तेल विपणन करने वाली सरकारी कंपनियों ने अभी तक 40 करोड़ लीटर इथनाल के लिए ही चीनी मिलों के साथ सौदा किया है। शेष बची मात्रा के लिए इसी महीने टेंडर जारी हो सकता है।
मंत्री के साथ हुई बैठक के दौरान एस्मा ने सुझाव दिया कि 40 करोड़ लीटर के लिए जो सौदा हो चुका है, उसकी डिलीवरी अगले तीन से चार महीने के दौरान ले ली जाए और शेष मात्रा के लिए टेंडर जारी कर दिया जाए। नए टेंडर के हिसाब से आपूर्ति अक्टूबर 2013 से शुरू होने वाले चीनी सीजन के दौरान की जाएगी।